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जयपुर। राजस्थान के छह बड़े शहर जयपुर, जोधपुर, कोटा, अलवर, भरतपुर और अजमेर की तस्वीर बदलने के लिए करोड़ों रुपए के विकास प्रोजेक्ट की रफ्तार थमी हुई है। इन शहरों में एयरपोर्ट, सड़क निर्माण, फ्लाइओवर और पेयजल परियोजनाओं से जुड़े विकास कार्य कराए जाने थे, लेकिन कोटा और जोधपुर को छोड़कर बाकी शहरों में इन कामों की रफ्तार थमी हुई है।
कई योजनाएं तो अब तक भी कागजों से बाहर ही नहीं निकलीं। अफसरों की लापरवाही तो कहीं राजनीतिक हस्तक्षेप ने विकास की गति रोक दी।
अंबेडकर सर्कल से जवाहर सर्कल तक प्रस्तावित एलिवेटेड रोड जयपुर की सबसे बड़ी सड़क परियोजना का खूब हल्ला किया गया। 1100 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को जेडीए ने अब फिजिबल नहीं माना। जबकि इस रूट पर ट्रैफिक का दबाव लगातार बढ़ रहा है। वैशाली नगर के पीवीसी कर्नल होशियार सिंह मार्ग और सिरसी रोड पर एलिवेटेड रोड की कवायद चल रही है, लेकिन वहां भी काम शुरू नहीं हुआ। केवल कुछ स्थानों पर सड़क सुधार व ड्रेनेज डीपीआर तक ही कार्य हुए हैं।
सरकारी दफ्तरों को एक जगह लाने वाला ‘कर्मशिला’ प्रोजेक्ट अफसरों की लापरवाही की भेंट चढ़ गया है। भरतपुर विकास प्राधिकरण की सबसे बड़ी आवासीय कॉलोनी सेक्टर-13 में भूमि आवंटित होने के बावजूद कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं हुई। भूखंड घोटाले की जांच के चलते फाइल अटकी हुई है और बजट जारी नहीं हुआ। सरकार से दिशा-निर्देश आने का इंतजार है, पर इलाके में जमीनों के दाम जरूर बढ़ गए हैं। प्रॉपर्टी डीलर, अफसर पहले ही यहां भू-खंड खरीद चुके हैं।
कोटा का ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट से जुड़ी प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ी है। 440.64 हेक्टेयर भूमि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सौंपी जा चुकी है। 852 करोड़ रुपए के टेंडर जारी हो गए हैं। इसके अलावा श्रीमथुराधीश कॉरिडोर (आस्था कॉरिडोर) के लिए सर्वे और 66.57 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार हो चुकी है। 80 मकान-दुकानों के विस्थापन की प्रक्रिया जारी है। इसके बाद पार्किंग व सड़क चौड़ीकरण का काम शुरू हो जाएगा।
शहर को पानी देने की सिलीसेढ़ परियोजना किसानों के विरोध में अटकी हुई है। किसानों ने बोरिंग के जरिए पानी निकालने का विरोध करते हुए पुरानी नहर प्रणाली से आपूर्ति की मांग की है। मुख्यमंत्री ने इस योजना का 20 मई को शिलान्यास किया था, लेकिन विरोध के बाद से काम रुका है। 23 करोड़ रुपए की इस योजना के तहत 35 बोरिंग, पंप हाउस और पाइपलाइन नेटवर्क से रोजाना 125 लाख लीटर अतिरिक्त पानी शहर को मिलना था।
जोधपुर विकास प्राधिकरण ने नहर चौराहे से पाल रोड तक फ्लाईओवर निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। दस करोड़ की लागत से बनने वाला 760 मीटर लंबा यह चार लेन का फ्लाईओवर शहर के व्यस्ततम एस नहर चौराहे पर ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करेगा। प्रतिदिन करीब 25 हजार वाहन इस मार्ग से गुजरते हैं, जिससे आए दिन जाम की स्थिति रहती है। फ्लाईओवर बनने से पाल रोड, बाड़मेर रोड और आसपास की 30 कॉलोनियों को बड़ी राहत मिलेगी।
योग और प्राकृतिक यूनिवर्सिटी के लिए कायड़ में जमीन चिह्नित की गई है। शिलान्यास का इंतजार है। टीबी अस्पताल के पुराने भवन को ध्वस्त कर सुपर स्पेशलिटी विंग के लिए तीन चरणों में 192 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं। अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में 250 करोड़ रुपए के तहत राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल में 1400 किलो लीटर का रिजर्वेयर बन चुका है। ईदगाह और लोहागल रोड पर रिजर्वेयर निर्माणाधीन है। 16 करोड़ 30 लाख से नालों का निर्माण भी हो रहा है।
Updated on:
29 Oct 2025 01:24 pm
Published on:
29 Oct 2025 01:01 pm
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