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Rajasthan : राजस्थान की ‘शहरी सरकारों’ की राजनीति में एक नया मोड़ आने जा रहा है। अगले साल तक प्रदेश के अधिकतर शहरी निकायों से निर्वाचित बोर्ड का कार्यकाल पूरा हो जाएगा और उनकी जगह कमान प्रशासक संभाल रहे होंगे। यह पहली बार होगा जब एक साथ इतने शहरी निकायों की कमान निर्वाचित बोर्डों के बजाय प्रशासकों के हाथ में होगी।
प्रदेश में कुल 196 निकाय हैं जहां शहरी सरकार अस्तित्व में आई। इनमें नगर निगम, परिषद और पालिकाएं शामिल हैं। इनमें से 49 निकायों में बोर्ड का कार्यकाल पूरा हो चुका है और यहां प्रशासक नियुक्त हैं। बाकी निकायों का कार्यकाल भी अगले महीनों में खत्म हो जाएगा। राज्य सरकार अगले वर्ष जनवरी-फरवरी में एक राज्य-एक चुनाव के तहत चुनाव कराने का दावा कर रही है। यदि इस दावे को मान लें तो भी केवल एक निकाय बचेगा, जिसका बोर्ड कार्यकाल फरवरी में पूरा होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि चुनाव होने तक 196 में से 195 निकाय प्रशासकों के हाथ में होने की पूरी संभावना है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में वर्ष 2019 में वार्डों का पुनर्गठन हुआ था, उस समय 196 नगरीय निकाय थे। चुनाव भी कराए गए। इसके बाद नए निकायों का गठन होता गया। अब तक 116 नए निकाय बनाए गए, जबकि 3 निकाय को खत्म करने की अधिसूचना जारी की गई। इनमें जयपुर, जोधपुर और कोटा का एक-एक निकाय है। अब कुल निकायों की संख्या 309 हो गई, जिनमें चुनाव होने हैं। नवगठित निकायों में चुनाव कराने की बजाय सरपंच को ही सभापति की जिम्मेदारी दी जाती रही।
संख्या - शुरू - समाप्त
49 नवम्बर 2019 - नवंबर 2024
03 अक्टूबर 2020 - अक्टूबर 2025
03 नवम्बर 2020 - नवम्बर 2025
50 दिसम्बर 2020 - दिसम्बर 2025
90 जनवरी 2021 - जनवरी 2026
01 फरवरी 2021 - फरवरी 2026
309 में से 305 निकायों में वार्डों का पुनर्गठन व परिसीमन हो चुका है। चार निकाय ऐसे हैं, जहां परिसीमन पर कोर्ट स्टे है। इनमें बोरावड़ (डीडवाना-कुचामन), तारानगर (चूरू), बड़ी सादड़ी (चितौड़गढ़), देवगढ़ (राजसमंद) निकाय शामिल है। यहां केवल परिसीमन पर स्टे है, लेकिन चुनाव पर नहीं। इसलिए मौजूदा वार्डों के आधार पर चुनाव कराए जाएंगे।
Updated on:
19 Sept 2025 10:51 am
Published on:
19 Sept 2025 10:50 am
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