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राजस्थान में परवान पर ‘पत्थर’ पॉलिटिक्स, BJP-कांग्रेस नेताओं के बीच ज़बानी हमले हुए तेज़

locationजयपुरPublished: Aug 27, 2018 08:40:11 am

Submitted by:

Nakul Devarshi

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ashok gehlot vasundhara raje gaurav yatra
जयपुर।

राजस्थान में इन दिनों ‘पत्थर’ पॉलिटिक्स परवान पर है। आम जनता की ज़रूरतों और उनकी विभिन्न मांगों को दरकिनार करते हुए भाजपा और कांग्रेस जैसे प्रमुख सियासी दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में वक़्त जाया कर रहे हैं। दरअसल, सीएम राजे की गौरव यात्रा जब पूर्व सीएम अशोक गहलोत के गढ़ यानी जोधपुर संभाग पहुंची थी, तब पहले ही दिन यात्रा पर पत्थर फेंके जाने की खबरें सुर्खियां बन गईं। फिर क्या, शुरू हो गया नेताओं का एक-दूसरे की पार्टी पर ज़बानी हमला करने का सिलसिला।

गौरव यात्रा पर पत्थर फेंके जाने को लेकर पहला बयान उसी दिन सीएम राजे की ओर से आया। उन्होंने यात्रा मार्ग पर पत्थरबाज़ी की निंदा की और इसके लिए इशारों ही इशारों में कांग्रेस पार्टी को ज़िम्मेदार ठहरा डाला। उन्होंने चेताते हुए, ‘हम किसी से डरने वाले नहीं।’

… फिर आया गहलोत का ये बयान
सीएम राजे के आरोपों का पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भी पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘हम किसी तरह की हिंसा के पक्ष में नहीं है। राहुल गांधी ने खुद ने कहा कि हिंसा करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। इस हिंसा में मेरा नाम लेकर बातें करना गलत है, मैं इसकी निंदा करता हूं।’

उन्होंने कहा कि जब वे मुख्यमंत्री थे तो सीएम ने दो बार यात्राएं निकाली और उनकी सुरक्षा के लिए उन्होंने अतिरिक्त पुलिस बल लगाकर रक्षा की थी। प्रधानमंत्री वाजपेयी आए थे जिनका विरोध करने के लिए कुछ लोग लगे हुए थे तो उनको पुलिस से पकड़वाया था। ऐसे में मुझ पर आरोप लगाने की उनकी हिम्मत कैसे हो गई। उन्होंने कहा कि पिपाड़ में उनके खुद के भाजपा कार्यकर्ता नाराज थे और पूर्व में भूख हड़ताल भी कर चुके हैं।

गहलोत ने कहा कि कोई नाराज होगा और किसी ने काला झंडा दिखा दिया होगा तो वह भी घमंड के कारण मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को बर्दाश्त नहीं है। जबकि यह तो लोकतंत्र का हिस्सा है। उन्होंने खुद सीएम रहते कई बार इसका सामना किया।

सीएम के ‘सिपहसालार’ भी कूद पड़े विवाद में

अब मामला सीएम वसुंधरा राजे से जुड़ा था तो उनके ‘सिपहसालारों’ का हस्तक्षेप करना भी लाज़मी था। लिहाज़ा सीएम राजे के सबसे भरोसेमंद मंत्री राजेंद्र राठौड़ गहलोत और कांग्रेस पार्टी पर ज़बानी हमला बोलने सामने आये। इस एक राठौड़ ने बाकायदा एक प्रेस कांफ्रेंस बुला ली।
राठौड़ ने जोधपुर जिले के पीपाड़ में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की राजस्थान गौरव यात्रा में व्यवधान पहुंचाने की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि राजस्थान में ऐसा कृत्य पहले कभी नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि राजस्थान गौरव यात्रा की मेवाड़ में ऐतिहासिक सफलता के बाद जोधपुर संभाग में मिल रहे अपार जन-समर्थन से कांग्रेस नेताओं में खलबली मच गई, जिससे कांग्रेसी नेता यात्रा के सामने भोंडा प्रदर्शन कर यात्रा को बाधित करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान गौरव यात्रा जनसमर्थन एवं भाजपा कार्यकर्ताओं के जोश से अब जनयात्रा में तब्दील हो चुकी है। कांग्रेस के नेताओं को गौरव यात्रा की सफलता पच नहीं रही।
राठौड़ ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता संस्कारवान हैं, एकमुखी हैं, नहीं तो ईंट का जवाब पत्थर से देना जानते हैं। राजस्थान की संस्कृति महिलाओं का सम्मान करने की रही है। कांग्रेस ने यात्रा में व्यवधान डाल महिलाओं का अपमान किया है। कांग्रेस की षड्यंत्रकारी चाल जनता जान चुकी है और जनता राजस्थान से भी कांग्रेस को मुक्त कर देगी।
पायलट बोले, ‘कांग्रेस पर दोषारोपण न करके आत्मावलोकन करे सरकार’

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने जोधपुर में राजस्थान गौरव यात्रा के दौरान शनिवार को हुए पथराव पर पंचायती राज मंत्री राजेंद्र राठौड़ की ओर से कांग्रेस पर दोषारोपण को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। पायलट ने कहा कि गौरव यात्रा के दौरान अप्रिय घटना घटी जो निंदनीय है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सच्चाई को नजरअंदाज कर भाजपा के नेता घटना के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताएं। सरकार को आत्मावलोकन करना चाहिए कि उसकी कार्यप्रणाली इतनी खराब क्यों रही कि उसे जगह-जगह जनता के विरोध का सामना करना पड़ रहा है और यात्रा को बार-बार टालना पड़ रहा है।

मदनलाल सैनी बोले, ‘पोलिंग बूथ पर वोट से देंगे पत्थर का जवाब’

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद मदन लाल सैनी की भी इस मामले पर प्रतिक्रिया आई। उन्होंने गौरव यात्रा पर हुए पथराव की घटना की निंदा करते हुए कहा कि हम पत्थर का जवाब पत्थर से नहीं, बल्कि पोलिंग बूथ पर वोट से देंगे। पत्थर फेंकने या हंगामा करने से सच्चाई नहीं बदल जाती। उन नेताओं को भी सोचना चाहिए, जिनके नाम लेकर पत्थर फेंके गए। अपने हिंसक समर्थकों पर फिर भी किसी नेता को गुमान है तो फिर अगली बार पत्थर की जगह गोलियां चलाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।

… इधर, रातभर पीपाड़ में छापेमारी, दस गिरफ्तार

जोधपुर जिले के पीपाड़ सिटी में शनिवार रात मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गौरव रथ पर पथराव मामले में पुलिस ने दस जनों को पकड़ा है। वहीं इस घटना के दौरान मुख्यमंत्री के सुरक्षा घेरे में शामिल एक कांस्टेबल व महिला कांस्टेबल के चोटें भी आईं। पुलिस ने शनिवार रातभर पीपाड़ शहर व आस-पास के क्षेत्र में छापेमारी कर दस जनों को शांति भंग मेंगिरफ्तार कर मामला दर्ज किया। इन्हें रविवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जहां से सभी को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए गए।
पथराव करने वालों की पहचान के लिए फोटोग्राफी व वीडियो रिकॉर्डिंग खंगाल रहे हैं। साक्ष्य जुटाए जाने के बाद इन आरोपियों को दोबारा गिरफ्तार किया जा सकता है। वहीं कुछ और आरोपियों की गिरफ्तारी संभव है।

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