इस पूरे मामले में स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने जो आदेश दिए थे उनकी पूरी पालना नहीं हो पाई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तो दो घंटे के निरीक्षण के बाद ही अस्पताल प्रशासन को क्लीन चिट दे दी थी। टीम ने अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंप दी है। जो रिपोर्ट दी है उसके अनुसार अस्पताल पर कोई मामला नहीं बन रहा है। जबकि दिल्ली से आई केन्द्रीय औषधि मानक संगठन की टीम पहले दिन से अस्पताल को दोषी मान रही है।
दोषियों के खिलाफ एफआईआर की मांग -:
मालपाणी अस्पताल को दवा कंपनी ग्लेनमार्क ने ट्रायल से गुजर रही अपनी दवा जीआरसी 27864 के ट्रॉयल के लिए सस्पेंड कर दिया है। दवा कंपनी ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है तथा दोषियों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराने की बात भी कही है। कंपनी का कहना है कि मालपाणी अस्पताल सहित अन्य कई अस्पतालों में ग्लेनमार्कस मोलेक्यूल जीआरसी 27864 ट्रॉयल फेज सैकंड चल रहा है। यह दवा ऑस्टियोऑर्थराइटिस दर्द के लिए ट्रॉयल में है। मालपाणी अस्प्ताल ने इस ट्रॉयल के लिए केवल तीन मरीजों को चिन्हित कर पंजीकृत किया है। इस दौरान लंबे समय से कोई दुष्प्रभाव मरीजों में नहीं देखा गया है। कंपनी के अनुसार जीआरसी 27864 फेज सैकंड स्टडी लंबे समय से 23 अस्पतालों में भारत में चल रही है।
मालपाणी अस्पताल को दवा कंपनी ग्लेनमार्क ने ट्रायल से गुजर रही अपनी दवा जीआरसी 27864 के ट्रॉयल के लिए सस्पेंड कर दिया है। दवा कंपनी ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है तथा दोषियों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराने की बात भी कही है। कंपनी का कहना है कि मालपाणी अस्पताल सहित अन्य कई अस्पतालों में ग्लेनमार्कस मोलेक्यूल जीआरसी 27864 ट्रॉयल फेज सैकंड चल रहा है। यह दवा ऑस्टियोऑर्थराइटिस दर्द के लिए ट्रॉयल में है। मालपाणी अस्प्ताल ने इस ट्रॉयल के लिए केवल तीन मरीजों को चिन्हित कर पंजीकृत किया है। इस दौरान लंबे समय से कोई दुष्प्रभाव मरीजों में नहीं देखा गया है। कंपनी के अनुसार जीआरसी 27864 फेज सैकंड स्टडी लंबे समय से 23 अस्पतालों में भारत में चल रही है।