
जयपुर. राजस्थान ने लोकतंत्र की मजबूती में महिलाओं की भागीदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह उपलब्धि है प्रदेश की मतदाता सूचियों में पुरुष-महिला अनुपात में कुछ ही माह में 7 अंकों की अभूतपूर्व वृद्धि। राज्य में पुरुष-महिला मतदाताओं का लिंगानुपात फरवरी 2024 के 923 के मुकाबले दिसम्बर 2024 में 930 हो गया है।
एसएसआर-2025 की अवधि में चित्तौडगढ़़ और प्रतापगढ़ जिलों में मतदाता लिंगानुपात 4-4 अंक बढ़कर क्रमश: 994 और 993 हो गया है, जो राज्य में सबसे अधिक है। प्रदेश के कुल 33 जिलों में से 26 में पुरुष-महिला मतदाता लिंगानुपात 900 से अधिक है, इनमें से 9 जिलों में यह आंकड़ा 950 से भी अधिक है।
राजस्थान में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर) कार्यक्रम-2025 के दौरान मतदाता सूचियों में नाम जोड़ने एवं संशोधन का कार्य चल रहा है. इस क्रम में 12 दिसम्बर तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 1000 पुरुष मतदाताओं के मुकाबले 930 महिला मतदाता हैं।
करौली जिले में मतदाता लिंगानुपात में अब तक 20 अंकों की उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज हुई है। यहां पुरुष और महिला मतदाताओं का अनुपात 20 अगस्त के मुकाबले 12 दिसम्बर को 20 अंक बढ़ गया है। इसी प्रकार, बाड़मेर जिले में मतदाता लिंगानुपात में 18 अंक और बीकानेर में 14 अंक का सुधार हुआ है।
Updated on:
13 Dec 2024 09:06 am
Published on:
12 Dec 2024 07:50 pm
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