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Rajasthan: एक साथ उठी तीन अर्थियां, गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार

रेखादेवी चारा काट रही थी और ये तीनों बालक पास में स्थित कीबली नाडी में भैंसों को पानी पिलाने के लिए गए, लेकिन देर तक नहीं लौटे। इधर, भैंसे भी शाम को खेत लौट आई।

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फोटो: पत्रिका

Jalore News: बिबलसर गांव की कीबली नाडी में डूबने से तीन बालकों की दर्दनाक मौत के बाद मंगलवार को पोस्टमार्टम करवाकर ग़मगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। बिबलसर निवासी श्रवणकुमार पुत्र छोगाराम वागरी ने रिपोर्ट देकर बताया की उसका छोटा भाई रोहित कुमार (14) पुत्र राजूराम बागरी व पडौसी दशरथ कुमार (12) पुत्र छोगाराम प्रजापत व डकातरा निवासी कुलदीप पुत्र पारसमल प्रजापत (ननिहाल हाल बिबलसर) सोमवार शाम को करीब चार बजे मेरी माता रेखादेवी के साथ भैंस चराने के लिए खेत पर गए थे।

रेखादेवी चारा काट रही थी और ये तीनों बालक पास में स्थित कीबली नाडी में भैंसों को पानी पिलाने के लिए गए, लेकिन देर तक नहीं लौटे। इधर, भैंसे भी शाम को खेत लौट आई। तीनों बालक नहीं लौटने पर रेखादेवी ने नाडी पर जाकर देखा तो तीनों के कपडे बाहर पड़े थे। अनहोनी की आशंका पर ग्रामीणों ने खोजबीन शुरु की और पुलिस को सूचित किया।

पुलिस व ग्रामीणों ने काफी मशक्कत के बाद तीनों शवों को बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए सियाणा के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोमवार देर शाम को लाया गया। जहां चिकित्सकों ने मंगलवार सवेरे तीनों शवों का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंपा गया। जहां तीनों का ग़मगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया।

तीनों बालक अध्ययनरत थे

पूराराम वागरी ने बताया की दशरथकुमार प्रजापत कक्षा सातवीं, रोहितकुमार बागरी कक्षा आठवीं में गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय व कुलदीप प्रजापत राजकीय प्राथमिक विद्यालय कक्षा पहली में अध्ययनरत थे। शाम को नाडी में नहाने के दौरान नाडी में डूब गए। बच्चों की मौत के बाद स्कूल में बालकों व शिक्षकों ने मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

नहीं थे तीनों के पिताजी

तीनों मृतकों के पिताजी राजूराम की साल अप्रैल 2022, छोगाराम की साल 2021 में व पारसमल 2020 में मौत हो गई थी। मृतक कुलदीप प्रजापत अपने ननिहाल में माता के पास रहकर अपना जीवन व्यतीत कर रहा था।