
CG Electricity Bill: बिजली बिल से जनता परेशान! कांग्रेस ने कहा- कोयला-पानी हमारा, बिजली महंगी क्यों?(photo-patrika)
CG Electricity News: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में सरकारी दफ्तरों में करोड़ों रुपए का बकाया इसके बावजूद कनेक्शन काटने की कार्रवाई नहीं की जा रही है। वहीं घरों का 5 हजार रुपए पर आसानी से कनेक्शन काटा जा रहा है। सरकारी दफ्तरों में मेहरबानी से विभाग को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इसलिए जिले का कुल बकाया 200 करोड़ से अधिक जा पहुंचा है। जिला मुख्यालय में नगरपालिका का ही बात करें तो 26 करोड़ रुपए का बकाया है। इसके लिए बिजली विभाग ने नोटिस जारी किया है। इसके बावजूद ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
बिजली कंपनी भले ही सामान्य लोगों के लिए अपना कड़ा रुख दिखाए मगर सरकारी विभाग के मामले में इनका कुछ चल पा रहा है। मिन्नत के बाद भी 5000 रुपए से अधिक का बिजली बिल होने पर आम लोगों के घर का बिजली कनेक्शन काट दिया जाता है। परंतु जिला मुख्यालय में दर्जन भर से अधिक सरकारी कार्यालय व विद्यालयों का करीब 35 करोड़ रुपए से अधिक बिजली बिल बकाया होने के बाद भी सरकारी कार्यालयों में बिना अवरोध के बिजली लगातार दी जा रही है।
आम लोगों के विभाग ने टीम गठित कर शहर सहित अन्य जगह पर छापेमारी अभियान चलाकर राशि वसूलना शुरू कर रही है। बिजली विभाग के कर्मियों द्वारा राजस्व वसूली की जा रही है। सरकारी कार्यालयों से राशि वसूलने में बिजली विभाग हर मोड़ पर विफल साबित हो रहा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि लोकतांत्रिक देश के इस जिले में आमजन से बिजली कंपनी सौतेला व्यवहार कैसे कर रही है। केवल शहर में नगरपालिका की बात करें तो 26 करोड़ 48 लाख रुपए का बकाया है।
इसमेें स्ट्रीट लाइट, दफ्तर, पानी पंप सहित अन्य शामिल है। सबसे बड़ी बात यह है कि पालिका द्वारा पिछले 2023 में बिजली का बिल जमा किया गया है। इसके बाद आज दिनांक तक बिजली का बिजल जमा नहीं किया गया। बिजली कंपनी द्वारा फिर से नगरपालिका को बिजली का बिल जमा करने के लिए नोटिस दिया है।
नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि भुगतान नहीं करने की स्थिति में आगे की कार्रवाई की जाएगी। लेकिन इसके बावजूद जूं तक नहीं रेंग रही है। अधिकारियों की माने तो सरकारी दफ्तरों के कनेक्शन काटने आम लोगों को परेशानी होती है, साथ ही रायपुर स्तर पर उच्चाधिकारियों का परमिशन चाहिए होता है कि इसलिए सरकारी दफ्तर का कनेक्शन काटने की कार्रवाई नहीं हो पाती।
शहर में ऑडिटोरियम भवन है। जहां हर बड़े सरकारी व निजी कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। यहां कार्यक्रम आयोजित करने के लिए नगरपालिका द्वारा बकायदा राशि ली जाती है। इसके बावजूद बिजली बिल का बकाया 10 लाख रुपए तक जा पहुंच है। बिजली का बिल पटाया ही नहीं जा रहा है। हालांकि पखवाड़े भर पहले कुछ खराबी आने के बाद कनेक्शन काटने की कार्रवाई गई थी। लेकिन बाद में फिर से जोड़ दिया गया।
बिजली विभाग के अफसर बैठकों में राजस्व बढ़ाने पर पूरा फोकस कर रही है। दो टूक शब्दों में 100 प्रतिशत राजस्व की वसूली होने की बात कही जाती है। इसके बावजूद सरकारी कार्यालयों से समय में बिजली का बिल नहीं मिल रहा है। इसलिए जिले में कुल बिल का बकाया 200 करोड़ के पार पहुंच चुका है। सरकारी विभाग के अधिकारी कोताही बरत रहे है।
इधर शहर के सबसे बड़े दफ्तर जिला पंचायत की बात करें तो 1 करोड़ रुपए का बकाया है। पिछले लंबे समय से बिल नहीं पटाया जा रहा है। इसलिए बकाया करोड़ों में जा पहुंचा। बीच-बीच में केवल 1 से 2 लाख रुपए पटाकर खानापूर्ति किया जा रहा है। कई बार नोटिस जारी किया जा चुका है।
जांजगीर-नैला जोन कमलेश डहरे, एई ने कहा की बकायदार संबंधित विभागों को नोटिस जारी किया जा रहा है। इसके बाद उच्चाधिकारियों के आदेश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। सबसे ज्यादा बकाया नगरपालिका का है। नोटिस जारी किया गया है।
Published on:
11 Oct 2025 04:09 pm
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