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सिविल सर्जन पर दुर्व्यवहार और धमकाने का लगा आरोप, डॉक्टरों व स्टाफ में आक्रोश, खोला मोर्चा

CG News: जांजगीर-चांपा जिला में अस्पताल जांजगीर और बीडीएम चांपा के डॉक्टरों, स्टाफ नर्सों और कर्मचारियों ने सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल के तानाशाही के खिलाफ आखिरकार मोर्चा खोल दिया है।

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सिविल सर्जन पर दुर्व्यवहार और धमकाने का लगा आरोप, डॉक्टरों व स्टाफ में आक्रोश, खोला मोर्चा

CG News: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिला में अस्पताल जांजगीर और बीडीएम चांपा के डॉक्टरों, स्टाफ नर्सों और कर्मचारियों ने सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल के तानाशाही के खिलाफ आखिरकार मोर्चा खोल दिया है। नए प्रभारी सिविल सर्जन के आने के बाद से ही कर्मचारी मानसिक और शारीरिक रूप से त्रस्त थे जो बुधवार को कर्मचारियों के उग्र आक्रोश के रूप में सामने आया। बुधवार की सुबह जिला अस्पताल में पहले हो-हंगामा हुआ।

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CG News: डॉक्टरों व स्टाफ में आक्रोश

इसके बाद बड़ी संख्या में डॉक्टर्स, स्टाफ नर्स और अन्य विभाग के कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया और कलेक्टोरेट पहुंच गए। यहां सिविल सर्जन पर कर्मचारियों से र्दुव्यव्हार, बदसलूकी और धमकाने जैसे आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया और सिविल सर्जन मुर्दाबाद के नारे भी लगाएं। फिर कलेक्टर को लिखित में शिकायत कर तत्काल हटाने की मांग की। सीनियर स्टाफ नर्स सोनाली बोस ने बताया कि कर्मचारियों पर काम करने अनावश्यक प्रेशर डाला जा रहा है।

बुधवार को वह केजुवल्टी वार्ड में ड्यूटी पर थी तभी सिविल सर्जन वहां पहुंचे और तुम सब नेतागिरी करते हो, सब को निपटा दूंगा, तुहारा सीआर खराब कर दूंगा जैसे शब्दों का प्रयोग किया। मेल-फीमेल सभी कर्मचारियों के साथ इसी लहजे में बात करते हैं। सीधे ट्रांसफर करने की धमकी दी जाती है। चिकित्सा अधिकारी डॉ. इकबाल हुसैन ने बताया कि जूनियर डॉक्टर को यहां का सिविल सर्जन का प्रभार दे दिया गया है जिनको इतने बड़े पद पर कार्य करने का कोई अनुभव नहीं है।

मरीजों की संख्या अधिक व सीमित संसाधन के बावजूद सभी डॉक्टर्स और स्टाफ अच्छा काम कर ही रहे हैं, जिसके प्रोत्सोहित करने के बजाए अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है। कुछ बोलने पर हेल्थ मिनिस्टर का रिश्तेदार होने की धमकी दी जाती है। सभी स्टाफ मानसिक-शारीरिक रूप से परेशान हैं।

कलेक्टर ने बनाई जांच टीम….

मामले में कलेक्टर आकाश छिकारा ने प्रभारी सिविल सर्जन के विरूद्ध मिली शिकायत की जांच के लिए तत्काल तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी है। टीम में अपर कलेक्टर ज्ञानेन्द्र सिंह को जांच अधिकारी व सीएमएचओ डॉ. स्वाती वंदना सिसोदिया व डिप्टी कलेक्टर भावना साहू को सदस्य के रूप में शामिल कर जांच टीम बनाई है। टीम को जांच करने जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने निर्देशित किया गया है।

जिला अस्पताल के कर्मचारियों ने सिविल सर्जन के ऊपर आरोप लगाए हैं कि काम करने मानसिक रूप से भारी प्रेशर डाला जा रहा है। कर्मचारियों को धमकाया जाता है कि तुहारा सीआर खराब कर दूंगा, ट्रांसफर करवा दूंगा, स्वास्थ्य मंत्री का भतीजा हूं, कलेक्टर मेरा दोस्त है। मेरी ऊपर तक पहुंच हैं। मेरा कुछ नहीं होगा।

स्वास्थ्य मंत्री का भतीजा हूं, कलेक्टर मेरा दोस्त…

सिविल सर्जन के दौरान रात में महिला कर्मचारियों, महिला कप्यूटर ऑपरेटर की ड्यूटी लगाई जा रही है। जहां महिला स्टाफ की सुरक्षा को लेकर व्यवस्था नहीं है। पूरा अस्पताल सिविल सर्जन और उनके चंद चहेते स्टाफ के इशारों पर चल रहा है। स्मार्ट कार्ड की राशि ज्यादा से ज्यादा अस्पताल को मिले, इसके लिए गंभीर मरीजों को भी रेफर नहीं किया जा रहा है। इसके चलते अस्पताल में मरीजों की मौत का आंकड़ा दोगुना हो गया है।

जिला अस्पताल के प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल ने कहा की लगाए जा रहे सभी आरोप बेबुनियाद है। उनके द्वारा सभी स्टाफ को समय पर अस्पताल पहुंचनेे और ड्यूटी समय तक रूकने कहा जा रहा है तो इस तरह का आरोप लगा रहे हैं। उनके द्वारा किसी भी स्टाफ से किसी तरह का दुर्व्यव्हार नहीं किया गया है। अस्पताल की बेहतरी के लिए ही दिन-रात काम कर रहे हैं।