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जानकारी के अनुसार ईशा अंबानी और आनंद पीरामल काफी लंबे समय से दोस्त हैं। दोनों परिवार एक-दूसरे को पिछले चार दशक से जानते हैं। आनंद ने ईशा को महाबलेश्वर के मंदिर में प्रपोज किया। इसके बाद दोनों ने अपने परिवारजनों के साथ लंच किया।
Anand Piramal ने यूएस में की है पढ़ाई
आनंद पीरामल हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से ग्रेजुएट है। फिलहाल वे पीरामल एंटरप्राइज के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर है। यूएस से बिजनेस स्कूल से पास करने के बाद उन्होंने दो स्टार्टअप्स शुरू किए थे। पहला हेल्थकेयर स्टार्ट अप था, जिसका नाम पीरामल ई-स्वास्थ्य था। उनका दूसरा स्टार्ट अप रिएल एस्टेट का था, जिसका नाम पीरामल रिएलटी था। अब दोनों ही पीरामल एंटरप्राइज का हिस्सा है।
Isha Ambani है रिलायंस जियो व रिटेल बोर्ड की सदस्य
ईशा रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल के बोर्ड में शामिल है। उनके पास येल यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी और साउथ एशियन स्टडीज में बैचलर डिग्री है। वो जून में ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस, स्टेनफोर्ड से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन प्रोग्राम में मास्टर्स भी कर लेंगी।
कस्बे में है खुशी का माहौल
जैसे ही सोशल मिडिया में ईशा अंबानी के साथ आनंद पीरामल के रिश्ते की खबर फैली बगड़ कस्बे में खुशी का माहौल देखते ही बन रहा था। हर नुक्कड़-चौराहों, चाय पानी की दुकानों पर इसी बात को लेकर लोग चर्चा करते नजर आए तो कुछ ने बगड़ के लिए व्यापार की दृष्टि से शुभ संकेत बताया।
सेठ पीरामल ने शेखावाटी में जगाई थी शिक्षा की अलख
आनंद के पड़दादा सेठ पीरामल ने आजादी से पहले शेखावाटी क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगाई थी। जहां दूर-दूर से पढ़ाई करने के लिए आज भी छात्र-छात्राएं आते हंै। आनंद के दादा गोपीकृष्ण ने कस्बे में बीएड कॉलेज का निर्माण करवाया था।
अंबानी का किया था शुक्रिया
हाल ही में आनंद ने मुकेश अंबानी को उन्हें व्यवसायी बनने के लिए प्रेरणा देने के लिए शुक्रिया कहा था। मुंबई में एक कार्यक्रम में बात करते हुए आनंद ने कहा था कि मैंने उनसे पूछा था कि मुझे कंसल्टिंग में जाना चाहिए या बैंकिंग में उसके जवाब में उन्होंने कहा था कि कंसल्टेंट होने का मतलब है कि जैसे आप क्रिकेट देख रहे हैं या कमेंट्री कर रहे है। जबकि व्यवसायी बनने का मतलब है कि आप क्रिकेट खेल रहे है। आप कंमेंट्री करके क्रिकेट खेलना नहीं सीख सकते। अगर आप कुछ करना चाहते हैं तो व्यवसायी बने और अभी से इसकी शुरुआत करें।