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Rajasthan: चिकित्सा टीम पहुंचेगी मरीजों के घर, रोगी को दवाइयां और थेरेपी देकर दर्द से दिलाई जाएगी राहत

यह सुविधा विशेष रूप से गरीब और असहाय मरीजों के लिए निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। पंजीकृत मरीजों की नियमित निगरानी होगी और उनके घर पर ही संपूर्ण चिकित्सा देखभाल मुहैया कराई जाएगी।

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फोटो: पत्रिका

गंभीर और असाध्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए राहत की खबर है। अब कैंसर, हृदय, किडनी, ब्रेन स्ट्रोक और श्वसन रोग से पीड़ित मरीजों को अस्पताल जाने की मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। राष्ट्रीय पैलिएटिव केयर कार्यक्रम के तहत उन्हें घर पर ही ‘होम बेडसाइड केयर’सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

अत्याधुनिक मोबाइल यूनिट होगी तैनात

चिकित्सा विभाग के अनुसार झुंझुनूं जिले में पैलिएटिव केयर मोबाइल यूनिट की शुरुआत हो चुकी है। यह यूनिट आधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षित डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ व स्वास्थ्यकर्मियों से सुसज्जित है। टीम हर पंद्रह दिन मरीजों के घर पहुंचेगी और आवश्यक दवाइयों व थेरेपी से उन्हें दर्द और तकलीफ से राहत दिलाएगी।

परिवार को भी मिलेगा प्रशिक्षण

पैलिएटिव केयर टीम केवल मरीजों का इलाज ही नहीं करेगी बल्कि परिवारजनों को भी रोगी की देखभाल के लिए प्रशिक्षित करेगी। इससे परिजन न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी मरीज की जरूरतों को समझ सकेंगे और उन्हें बेहतर सहयोग प्रदान कर पाएंगे।

गरीब और असहाय मरीजों को प्राथमिकता

यह सुविधा विशेष रूप से गरीब और असहाय मरीजों के लिए निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। पंजीकृत मरीजों की नियमित निगरानी होगी और उनके घर पर ही संपूर्ण चिकित्सा देखभाल मुहैया कराई जाएगी।

मिलेगा संबल

कार्यक्रम का सबसे बड़ा उद्देश्य यह है कि मरीज अपने अंतिम दिनों में दर्द और पीड़ा से मुक्ति पाकर सम्मानजनक जीवन जी सकें। इस पहल से न केवल मरीजों को शारीरिक राहत मिलेगी बल्कि परिवार को भी मानसिक सहारा मिलेगा।

क्या है राष्ट्रीय पैलिएटिव केयर कार्यक्रम?

केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया यह कार्यक्रम गंभीर, लाइलाज और अंतिम चरण की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को सहानुभूतिपूर्ण, गुणवत्तापूर्ण और दर्द-निवारक देखभाल उपलब्ध कराने के लिए है। इसमें मोबाइल यूनिट्स के माध्यम से प्रशिक्षित चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी मरीजों के घर जाकर उनकी चिकित्सा जरूरतों को पूरा करते हैं।

क्यों पड़ी इसकी जरूरत?

कई मरीज कैंसर, हृदय और अन्य असाध्य रोगों के अंतिम चरण तक पहुंच जाते हैं। अस्पताल तक बार-बार आना इन मरीजों और उनके परिजनों के लिए कठिन हो जाता है। ऐसे में यह कार्यक्रम मरीजों को उनके घर पर ही चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएगा।

अधिकारियों का कहना है….

जिले में असाध्य रोगियों के लिए ‘होम बेडसाइड केयर’ सुविधा शुरू की गई है। पैलिएटिव केयर मोबाइल यूनिट आधुनिक उपकरणों, डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और स्वास्थ्यकर्मियों से लैस है। ये टीमें हर 15 दिन में मरीजों के घर जाकर देखभाल करेंगी और उन्हें दर्द से राहत दिलाएंगी। इसके लिए जिले के सभी अस्पतालों को निर्देशित कर दिया गया है।

-डॉ. छोटेलाल गुर्जर, सीएमएचओ झुंझुनूं


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