31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मामा का दोस्त रात में छत पर ले जाकर करता था किशोरी का बलात्कार, सब्जी में देता था नशीली गोलियां… दोषी को 20 साल की जेल

मामा का दोस्त शंकरलाल पीड़िता के माता-पिता को सब्जी में नशे की गोलियां देता था। परिवार के सदस्य सो जाते तब बालिका को छत पर बुलाकर उसके साथ बलात्कार करता था।

3 min read
Google source verification
Girl rape

प्रतीकात्मक तस्वीर

झुंझुनूं। जिले में एक युवक ने नाबालिग लड़की के साथ लगातार 15 दिन तक बलात्कार किया। इससे नाबालिग प्रेग्नेंट हो गई। युवक बलात्कार की वारदात को अंजाम देने के लिए खौफनाक तरीका अपनाता था। लड़की के माता-पिता को पहले सब्जी में नशे की गोलियां खिला देता था। इसके बाद जब परिवार के लोग सो जाते तो नाबालिग को छत पर बुलाकर बलात्कार की वारदात को अंजाम देता था। ऐसा उसने लगातार 15 दिन तक किया। इसके अलावा दूसरी जगह ले जाकर भी बलात्कार किया।

झुंझुनूं की पॉक्सो कोर्ट ने मामले में बलात्कार के दोषी युवक को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 1 लाख 31 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषी को 3 साल के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। झुंझुनूं की पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ठ न्यायाधीश इसरार खोखर ने यह फैसला सुनाया।

ढाई साल पुराना है मामला

पूरा मामला 8 फरवरी 2023 का है, जब पीड़िता के पिता ने मेहाड़ा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने पुलिस को बताया कि वह पिछले करीब 7 साल से झुंझुनूं जिले के एक गांव में परिवार के साथ रह रहे हैं। उनकी बड़ी बेटी 6 फरवरी 2023 को घर से बिना बताए चली गई थी। उनको शंकर अहीरवार (25) नाम के लड़के पर शक था कि वही उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया है। शंकर मध्य प्रदेश के छत्तरपुर जिले के चांदना थाना इलाके के पंचमपुर का रहने वाला है।

शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और नाबालिग को दस्तयाब किया। जांच के बाद आरोपी शंकरलाल को गिरफ्तार किया और उसके खिलाफ संबंधित कोर्ट में चालान पेश किया।

कोर्ट में 17 गवाहों के बयान करवाए

कोर्ट में मामले की पैरवी राज्य सरकार की ओर से विशिष्ठ लोक अभियोजक सुरेन्द्र सिंह भाम्बू और परिवादी की ओर से बलवंत सैनी ने की। उन्होंने कोर्ट में 17 गवाहों के बयान करवाए और 53 दस्तावेज पेश किए। लोक अभियोजक सुरेन्द्र सिंह भाम्बू ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता बलात्कार की वजह से प्रेग्नेंट हो गई थी, जिसके बाद विधिक प्रक्रिया अपनाते हुए गर्भपात कराया गया।

पीड़िता के घर आता-जाता रहता था

दोषी शंकरलाल पीड़िता के घर अक्सर आता-जाता रहता था। रेप की वारदात को अंजाम देने के लिए उसने एक खौफनाक तरीका अपनाया। वह पीड़िता के माता-पिता को सब्जी में नशे की गोलियां देता था। जब परिवार के सदस्य सो जाते थे, तब वह पीड़िता को छत पर बुलाकर उसके साथ बलात्कार करता था। आरोपी ने पीड़िता के साथ इस तरह 10-15 दिन तक तक किया। इसके अलावा, वह पीड़िता को दूसरी जगह भी ले गया, जहां उसने उसके साथ फिर से बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया।

मामा का दोस्त था शंकरलाल

पुलिस जांच में सामने आया कि शंकरलाल बलात्कार पीड़िता के मामा को दोस्त था, जो मेहाड़ा इलाके में ईंट-भट्टे पर उसके मामा के साथ ही काम करता था। ऐसे में उसका किशोरी के घर आना-जाना लगा रहता था। बाद में उसने जिस मकान में किशोरी रहती थी, उसी मकान में किराए पर कमरा लेकर रहने लगा। इस दौरान दोनों घर में जो खाना बनता एक-दूसरे घर में देते-लेते रहते थे। इस दौरान आरोपी सब्जी में नशे की गोलियां मिलाकर देता था।

एक साथ भुगतनी होंगी सभी सजा

राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे विशिष्ठ लोक अभियोजक सुरेन्द्र सिंह भाम्बू व परिवादी की तरफ से पैरवी कर रहे बलवंत सैनी ने कुल 17 गवाहान के बयान करवाए व 53 दस्तावेजों को प्रदर्शित करवाए। लोक अभियोजक ने कहा कि मामला गंभीर प्रकृति का है, अत: आरोपी को सख्त सजा दी जाए। न्यायालय ने पत्रावली पर आई साक्ष्य का बारीकी से विश्लेषण कर आरोपी शंकर को उक्त सजा व जुर्माने के साथ-साथ अन्य विभिन्न धाराओ में सजा और अर्थदण्ड से दंडित किया। सभी सजा साथ-साथ भुगतने का आदेश दिया। न्यायालय ने आरोपी पर कुल एक लाख 31 हजार रुपए का आर्थिक दण्ड किया है।