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राजस्थान में 41 नई खेल अकादमी खोलने का था वादा, पर अब तक एक नहीं खुली, क्यों

Rajasthan News : भाजनलाल सरकार का दूसरा साल चल रहा है, लेकिन 41 में से एक भी नई खेल अकादमी राजस्थान में नहीं खुली। क्यों?

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Rajasthan 41 New Sports Academies Promise to Open but not a single one has been opened yet why

राजेश शर्मा
Rajasthan News : राजस्थान में नई सरकार बनते ही खेलों को बढ़ावा देने के लिए एक जिला एक खेल योजना लाई गई। इसके तहत हर जिले में एक खेल को बढ़ावा देने के लिए क्रीड़ा परिषद की ओर से खेल अकादमी खोली जानी थी। सरकार का दूसरा साल चल रहा है, लेकिन 41 में से एक भी नई खेल अकादमी राजस्थान में नहीं खुली। राज्य सरकार की बजट घोषणा कागजों से बाहर नहीं आ रही। योजना के तहत झुंझुनूं में बास्केटबॉल, सीकर में फुटबॉल, चूरू में एथलेटिक्स सहित सभी जिला मुख्यालयों पर एक-एक खेल अकादमी बननी थी, लेकिन अकादमी बनना तो दूर अभी तक एक का भी शिलान्यास तक नहीं हुआ।

खेल विश्वविद्यालय भी कागजों में

कांग्रेस व भाजपा की सरकार 4 बार खेल विश्वविद्यालय की घोषणा कर चुकी। एक दशक बाद भी खेल विवि सरकार के लाल फीते से बाहर नहीं आया। तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2 बार खेल विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की। कुलपति सहित अनेक पदों पर नियुक्ति भी की। दोरासर में जमीन भी चिह्नित कर ली गई, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने खेल विश्वविद्यालय को पटियाला की तर्ज पर खेल संस्थान बनाने की घोषणा की। यह घोषणा भी धरातल पर अधूरी रही। इसके बाद वर्तमान वित्त मंत्री दिया कुमारी ने बजट में महाराणा प्रताप खेल विवि खोलने की घोषणा की, लेकिन यह विश्वविद्यालय कहां खुलेगा इसे लेकर अभी कुछ तय नहीं है।

मेरा प्रयास रहेगा कि खेल विश्वविद्यालय झुंझुनूं में खुले

खेल विवि का निर्णय मुख्यमंत्री के स्तर का है, लेकिन प्रभारी मंत्री होने के नाते से मेरा प्रयास रहेगा कि खेल विश्वविद्यालय झुंझुनूं में खुले। अकादमियों के लिए भी प्रयास किया जाएगा।
अविनाश गहलोत, जिला प्रभारी मंत्री, झुंझुनूं

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जानें, क्या होता है अकादमी में

अकादमी में ट्रायल व कुछ टेस्ट के आधार पर खिलाड़ियों का चयन किया जाता है। इनको यहां निशुल्क कोचिंग दी जाती है। नेशनल व इंटरनेशनल मानक वाले खेल मैदान तैयार किए जाते हैं। छात्रावास में खिलाड़ियों के रहने, भोजन, नाश्ता, खेल उपकरणों की सुविधा निशुल्क रहती है। खिलाड़ियों की स्कूल की य फीस भी सरकार वहन करती है। खिलाड़ियों के लिए एनआइएस व अन्य डिग्री वाले कोच लगाए जाते हैं।

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इन खेलों की अकादमी नहीं

राजस्थान क्रीड़ा परिषद की ओर से तलवारबाजी, तैराकी, क्रिकेट, शूटिंग, बॉक्सिंग, जूडो व जिम्नास्टिक सहित कई खेलों की अकादमी नहीं है। जगतपुरा में शूटिंग रेंज तो है, लेकिन सरकारी अकादमी नहीं है। राजस्थान में पानी वाले खेलों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही।

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