
फायरिंग के बाद जांच करती पुलिस। फाइल फोटो- पत्रिका
जोधपुर। अब तक मादक पदार्थ तस्करी से प्राप्त संपत्तियों को ही एनडीपीएस एक्ट की धारा 68एफ के तहत फ्रिज यानि सीज की जाती थी, लेकिन अब अवैध हथियारों से फायरिंग के दम पर अर्जित करने वाली संपत्तियों पर भी यही कार्रवाई होगी। पुलिस कमिश्नरेट जोधपुर में बीते डेढ़ महीने में चार जगह फायरिंग किए जाने के बाद रोकथाम के लिए बीएनएसएस की धारा 107 के तहत सपत्ति फ्रिज करने के निर्देश दिए हैं।
पुलिस कमिश्नर ओमप्रकाश का कहना है कि गत 18 सितंबर को सूरसागर थानान्तर्गत गेंवा बाइपास पर कनावतों का बास में खेमे का कुआं में ऊर्जा विहार निवासी जितेन्द्र टाक ने अपने ही मामा के घर फायरिंग की थी। इस मामले में जितेन्द्र टाक के अलावा उसे हथियार देने वाले देवाराम सिहाग को गिरफ्तार किया जा चुका है। थानाधिकारी को दोनों आरोपियों की संपत्ति चिह्नित कर 107 बीएनएसएस में फ्रिज करने के निर्देश दिए गए हैं।
पुलिस कमिश्नरेट जोधपुर में 13 अगस्त से 18 सितंबर तक फायरिंग की चार वारदात की जा चुकी हैं। पुलिस कमिश्नर ने इसके लिए संबंधित थानाधिकारी की जवाबदेयता मानी है। जिन क्षेत्र में फायरिंग होगी, वहां के थानाधिकारी को 17सीसी चार्ज शीट देने का निर्णय किया गया है।
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बीएनएसएस की धारा 107 ऐसे मामलों से संबंधित है, जहां अपराध से प्राप्त संपत्ति की कुर्की या जब्त की जाती है। जांच करने वाले पुलिस अधिकारी किसी बदमाश की संपत्ति कुर्क करने के लिए क्षेत्र के मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन करता है, जिसके बारे में माना जाता है कि आरोपी ने सीधे या परोक्ष रूप से किसी आपराधिक गतिविधि या अपराध से संपत्ति अर्जित की है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद मजिस्ट्रेट अंतरिम आदेश के रूप में कुर्की का आदेश दे सकते हैं।
Updated on:
24 Sept 2025 03:20 pm
Published on:
24 Sept 2025 03:14 pm
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