
कार्यशाला में वाद्ययंत्र बनाते हुए प्रतिभागी। फोटो- पत्रिका
जोधपुर। राजस्थान पत्रिका पैट्रन में पब्लिक आर्ट्स ट्रस्ट ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित सात दिवसीय जोधपुर आर्ट्स वीक का छठा दिन कला, ध्वनि, स्मृति और पदार्थ का एक जीवंत संगम बनकर उभरा। सोमवार को दीयों पर मिनिएचर पेंटिंग, नेचुरल मटेरियल और रिसाइकिल वेस्ट से इंस्ट्रूमेंट मेकिंग, कलाकृतियों और इंस्टॉलेशनों का भ्रमण, जेम सेशन में लंगा और कालबेलिया कलाकारों की प्रस्तुति के साथ छठा दिन सपन्न हुआ।
सुबह की शुरुआत चित्रकार लेटिन मेन विजयराज प्रजापत की कार्यशाला ‘दीयों पर मिनिएचर पेंटिंग’ से हुई। प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला में पारंपरिक राजस्थानी मिनिएचर पेंटिंग की बारीकियों को दीयों पर उकेरना सीखा, साथ ही गिलहरी के बालों वाले बारीक ब्रश और प्राकृतिक खनिज रंगों के प्रयोग की तकनीक समझी। पाटी लैंड टीचिंग फेलो सुरभि गहलोत और शिवांक्षी बोहरा की ओर से संचालित 'लिसनिंग टू द ब्लू : नवी पुरानी हथाई ऑफ शेयरड मेमोरी' कार्यशाला पारंपरिक हथाई में पानी, स्मृति, और अनुष्ठानों से जुड़ी कहानियां साझा की।
दोपहर में आयोजित ‘हाउ आर फोक इंस्ट्रूमेंट्स एडाप्टिंग टू अवर टाइस?’ जयपुर विरासत फाउंडेशन के साथ कार्यशाला में प्रतिभागियों ने राजस्थानी लोक वाद्ययंत्रों की अद्भुत दुनिया को छुआ, सुना और महसूस किया। लोक कलाकारों और कारीगरों के मार्गदर्शन में इन वाद्ययंत्रों की कारीगरी, बनावट और उनकी ध्वनियों के पारिस्थितिकी संबंधों को समझा गया।
सत्र के अंत में प्रतिभागियों ने रिसाइकल वेस्ट और नेचुरल मटेरियल से अपने स्वयं के लोक प्रेरित वाद्ययंत्र बनाए। यह कार्यशाला एक उत्साही जैम सेशन के साथ समाप्त हुई, जिसमें ममता सापेरा तथा लंगा और कालबेलिया कलाकारों ने प्रस्तुति दी। शाम का समापन ‘क्यूरेटर वॉकथ्रू’ के साथ हुआ, जिसमें पब्लिक आर्ट्स ट्रस्ट ऑफ इंडिया की क्यूरेटोरियल टीम ने प्रतिभागियों को जोधपुर आर्ट्स वीक के विभिन्न स्थलों पर प्रदर्शित कलाकृतियों और इंस्टॉलेशनों के बीच एक भ्रमण करवाया।
Updated on:
07 Oct 2025 01:58 pm
Published on:
07 Oct 2025 01:57 pm
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