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आरी डोंगरी माइंस विवाद थमा, प्रशासन ने दी लिखित आश्वासन, 24 घंटे बाद खुला हाईवे

Ari Dongri Mines Dispute: कांकेर जिले के आरी डोंगरी माइंस विवाद में 24 घंटे से जारी चक्काजाम बुधवार को प्रशासन और ग्रामीणों के बीच लिखित सहमति बनने के बाद समाप्त हुआ।

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आरी डोंगरी माइंस विवाद थमा (photo source- Patrika)

आरी डोंगरी माइंस विवाद थमा (photo source- Patrika)

Ari Dongri Mines Dispute: आरी डोंगरी स्थित गोदावरी आयरन माइंस को लेकर 24 घंटे से जारी चक्काजाम बुधवार को प्रशासन और ग्रामीणों के बीच सहमति के बाद समाप्त हो गया। मंगलवार सुबह 11 बजे से शुरू आंदोलन से भानुप्रतापपुर-दल्लीराजहरा स्टेट हाईवे पूरी तरह जाम रहा और दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।

Ari Dongri Mines Dispute: लिखित सहमति बनने के बाद जाम समाप्त

ग्रामीणों ने गोदावरी इस्पात लिमिटेड की प्रस्तावित जनसुनवाई को रद्द करने और स्थानीय हितों को प्राथमिकता देने की मांग को लेकर आंदोलन छेड़ा था। बुधवार देर शाम प्रशासन और आंदोलनकारियों के बीच हुई बैठक में 6 सूत्रीय मांगों पर लिखित सहमति बनने के बाद जाम समाप्त किया गया। ग्रामीणों की प्रमुख मांग थी कि जनसुनवाई में स्थानीय लोगों की राय को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और खदान संचालन से जुड़ी नीतियों में पारदर्शिता रखी जाए।

प्रशासन ने लिखित में भरोसा दिलाया कि एक सप्ताह के भीतर 15 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी प्रभावित गांवों की सूची जारी की जाएगी और पिछले 16 वर्षों में डीएमएफ एवं सीएसआर मद से हुए कार्यों का विवरण ग्रामीणों को उपलब्ध कराया जाएगा।

कानून-व्यवस्था बनाए रखना रही बड़ी चुनौती

Ari Dongri Mines Dispute: आंदोलन की सूचना मिलते ही एसडीएम गंगाधर वाहिले, एएसपी आकाश श्रीश्रीमाल, डीएसपी योगेश साहू और थाना प्रभारी रामेश्वर देशमुख टीम के साथ मौके पर पहुंचे। प्रशासनिक और पुलिस अमला पूरी रात वहीं तैनात रहा ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे। चक्का जाम के कारण व्यापारिक गतिविधियां ठप रहीं और आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।

सड़कों पर बिताई रात, वहीं पकाया भोजन

कड़ाके की ठंड के बावजूद ग्रामीणों ने आंदोलन स्थल नहीं छोड़ा। उन्होंने सड़क किनारे अस्थायी रसोई बनाकर सामूहिक भोजन तैयार किया और सड़क पर कतारों में बैठकर भोजन ग्रहण किया। ठंड से बचने के लिए ग्रामीणों ने जगह-जगह अलाव जलाए और पूरी रात आंदोलन स्थल पर डटे रहे। उनकी यह एकजुटता पूरे आंदोलन की पहचान बन गई।

Ari Dongri Mines Dispute: आंदोलन के दौरान भानुप्रतापपुर जनपद अध्यक्ष सुना राम तेता, आदिवासी नेता कोमल हुपेंडी, शिवसेना प्रदेश महासचिव चंद्रमौली मिश्रा, सरपंच रमल कोर्राम, हरेश चक्रधारी, जनपद सदस्य विष्णु कचलाम, शेखर यदु और अनु नरेटी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। इन नेताओं ने प्रशासन और ग्रामीणों के बीच संवाद कायम कर समझौते की दिशा में अहम भूमिका निभाई।

इन 6 बिंदुओं पर बनी सहमति

¥ जनसुनवाई में स्थानीय हितों की प्राथमिकता

¥ पर्यावरण सुरक्षा के ठोस प्रावधान

¥ स्थानीय युवाओं को रोजगार में अवसर

¥ न्यायसंगत विस्थापन नीति

¥ डीएमएफ और सीएसआर फंड के उपयोग की पारदर्शी जानकारी

¥ प्रभावित गांवों की स्पष्ट सूची जारी करना।

ग्रामीणों की नजर अब वादों पर

बुधवार देर रात से हाईवे पर यातायात फिर से सामान्य हो गया है। क्षेत्र में अब शांति और सामान्य स्थिति लौट आई है, हालांकि ग्रामीणों ने कहा है कि वे प्रशासनिक वादों के पालन पर नजर रखेंगे।