Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि में इस मुहूर्त में करें कलश स्थापना, बन रहे ये 8 शुभ संयोग, जानें सही विधि व नियम इस माह शक्ति की आराधना का महापर्व
नवरात्र प्रारंभ हो रहा है। इसकी तैयारी जोरों से चल रहा है। 3 अक्टूबर को नवरात्र शुरू हो रही है। ऐसे में नगर से लेकर गांव-गांव में शारदीय नवरात्र की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसके अलावा मूर्तिकार माता की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। अलग-अलग स्थानों पर आकर्षक पंडाल तैयार हो रहे हैं, जिसमें मां दुर्गा की आकर्षक प्रतिमा स्थापित कराए जाएंगे। शहर से लेकर गांव तक बड़ी समितियों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है।
आयोजनों का कहना है कि देवी पंडालों को सजाया व संवारा जा रहा है। समितियों ने देवी
पंडालों को आकर्षक बनाने का काम शुरू कर दिया है। इस बार देवी मां की भक्ति का उत्सव पूरे 9 दिन रहेगा। क्योंकि नवरात्र के दिन लोप नहीं हो रहा है। 3 अक्टूबर से शुरू होकर 11 अक्टूबर तक नवरात्रि मनाया जाएगा। ऐसे में नवरात्र को केवल तीन दिन शेष रह गया है। सरदार पटेल मैदान में ग्राम अमरौड़ी से पहुंचे कुम्भकार परिवार जहां देवी प्रतिमाओं को अंतिम रुप देने में जुटे हुए हैं। वहीं मूर्तिकार नरेश कुंभकार इंदौरी सड़क पारा पर दुर्गा प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं।
मंदिर देवालयों की साफ-सफाई
नवरात्र को लेकर देवी मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। रंग रोगन सहित समिति द्वारा ज्योति कलश की रसीद कटना शुरू हो गया है, हालांकि की इस बार थोड़ी वृद्धि की गई है। वहीं दुर्गा पंडाल समितियों ने भी पर्व की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके तहत मां दुर्गा की मूर्तियां स्थापित करने के लिए आकर्षक पंडाल तैयार करने समिति के सदस्य जुटे हुए हैं। ग्राम नगर सहित ग्रामीण अंचल में धार्मिक पर्व पूरी आस्था एवं उल्लास के साथ मनाया जाता है। वहीं मूर्तिकार बाहर जाने वाली मूर्तियों को पहले ही तैयार कर रखा है। मूर्तिकार दिन-रात देवी प्रतिमाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। ग्राम दौजरी, सारंगपुर, जेवड़न खुर्द, बरबसपुर, सिंघनपुरी, हरिनछपरा समेत अन्य गांव में ग्रामीण तैयारी में लगे हुए हैं। यह नवरात्र 11 अक्टूबर तक चलेगी। दुर्गा समिति के सदस्य नवरात्र पर्व को लेकर पंडालों की सजावट शुरू कर चुके हैं। एक ओर मूर्तिकार मां दुर्गा की प्रतिमा को अंतिम रुप देने में लगे हुए हैं। वहीं श्रद्धालु नौ दिनों तक पूजा कर मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करेंगे। शरद ऋतु चैत्र और आश्विन माह के नवरात्र ही ज्यादा लोकप्रिय हैं। आश्विन नवरात्र को महानवरात्र कहा जाता है। इसका एक कारण यह भी है कि यह नवरात्र दशहरे से ठीक पहले पड़ते हैं। नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग रुपों की पूजा होती है।
नवरात्र पर्व को लेकर मूर्तिकार देवी प्रतिमा को अंतिम रुप देने में लगे हुए हैं। बनते बिगड़े मौसम ने मूर्तिकारों की मुश्किले और भी बढ़ा दी है। क्योंकि पिछले दिनों लगातार मौसम का मिजाज बदला रहा। मूर्ति बना रहे हैं मूर्तिकारों का कहना है कि प्रतिमाओं में रंग रोगन का कार्य चल रहा है। इसके अलावा बताया कि उनके पास 4 फीट से लेकर आठ फीट तक की प्रतिमाएं बनाने की आर्डर है। प्रतिमाओं के निर्माण में लगने वाली सामग्री महंगाई हो गई है, परंतु मूल्य की वृद्धि कितनी हुई है। इसका मूल्यांकन नहीं लगा पा रहे हैं। हां, लेकिन महंगाई का असर प्रतिमाओं पर भी देखने को मिल रहा है।
नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग नौ स्वरूपों की पूजा
3 अक्टूबर से देवी मां की पूजा शुरू हो जाएगी। मंदिरों के साथ पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आने लगेगी। नवरात्र के 9 दिनों से रोज देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाएगी। क्वार नवरात्र को शारदीय नवरात्रि भी कहा जाता है। इस वर्ष नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 11 अक्टूबर तक रहेगी। इस बार पूरे 9 दिनों का नवरात्र रहेगा। साथ ही इन 9 दिनों में माता के नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाएगी। जिसके ग्रामीणों ने चौक चौराहों पर पंडाल बनाना शुरू हो गया है, पंडालों को अंतिम चरण तक पहुंचाने का कार्य चल रहा है।