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शुगर है तो बदलिए खानपान, परेशानी हो जाएगी दूर

बीमारी का मुख्य कारण तनाव और भावनाएं हैं। भारतीय रिश्तों से बहुत गहरे जुड़े हुए हैं।

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खंडवा

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seraj khan

Dec 09, 2017

Orderly routines protect us from many diseases and diabetes

Orderly routines protect us from many diseases and diabetes

खंडवा. प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय और लायंस क्लब द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित मधुर मधुमेह श्ििवर में पहले दिन शुक्रवार सुबह 6.30 बजे स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसके बाद पांच अलग-अलग सत्रों के माध्यम से शिविरार्थियों को माउंट आबू से आए डॉ. वल्सलन नायर ने स्वास्थ्य आपके हाथों में, स्वयं की समझ, रोक की उत्पत्ति, सुप्रीम सर्जन को जानना, राजयोग द्वारा आतंरिक सफाई आदि विषयों पर गहराई से प्रकाश डाला। साथ ही बताया कि हमें भोजन में क्या-क्या और कब खाना चाहिए। दिनभर की पूरी दिनचर्या, भोजन और विचार डॉ. नायर के बताए अनुसार पालन करने पर शाम को जांच में कई लोगों के शुगर के स्तर में काफी परिवर्तन मिला।

सुबह 9 बजे नाश्ते में डायबिटीज के रोगियों को सब्जियों की सलाद में पेठा, लौकी, उबली हुई अंकुरित मूंग, इडली और चटनी दी गई। 11.30 बजे फ्रूट्स दिया गया। वहीं दोपहर 1.30 बजे के भोजन में कद्दू, लौकी, गिल्की, टमाटर, सेंधा नमक और नींबू की सलाद व साथ में हरा धनिया, पालक, कढ़ी पत्ता और कच्चा नारियल मिलाकर चटनी, मिक्स बेज व रसीली सब्जी और पालक-मैथी का पराठा दिया गया। शाम 4 बजे सब्जियों का सूप दिया गया। इसके बाद जब शाम को शुगर का स्तर जांचा गया तो शिविरार्थियों में 30 फीसदी का अंतर आया। इस मौके पर लायंस इमेज बिल्ंिडग डिस्ट्रिक चेयरमैन नारायण बाहेती सहित अन्य पदाधिकारी टीम के साथ मौजूद रहे और अपनी सेवाएं दीं।

पहला सत्र: स्वास्थ्य आपके हाथ में
डॉ. नायर ने कहा कि जैसे किसी बच्चे को बार-बार कहें कि तुम बुद्धू हो तो उसका आगे बढऩा मुश्किल है। इसी प्रकार यदि मैं बार-बार कहूं कि मैं रोगी हूं तो ठीक होना मुश्किल है। समस्या मुझे नहीं मेरे शरीर को है। हम जैसे विचार अपने शरीर को देते हैं वह वैसे ही ग्रहण कर लेता है। आज से यह कहना छोड़ दें कि मैं रोगी हूं। सदा खुश रहें, प्रसन्न रहें और नियमित दिनचर्या अपनाएं।

तीसरा सत्र: रोग की उत्पत्ति का कारण
डॉ. नायर ने कहा बीमारी का मुख्य कारण तनाव और भावनाएं हैं। भारतीय रिश्तों से बहुत गहरे जुड़े हुए हैं। भावनाओं के कारण तनाव होता है और जब हम फील करते हैं तो ऐसे रसायन निकलते हैं जो हमें विचार देते हैं। परिवार और रिश्तों में अपेक्षाएं बहुत होती हैं जो तनाव पैदा करेती हैं। कई बार ऐसा होता है हम जो चाहते हैं वह कर नहीं पाते ऐसे में अंदर से दबाव बढ़ता है जो तनाव का कारण बन जाता है और धीरे-धीरे रोगी हो जाती है।

चतुर्थ सत्र: सुप्रीम सर्जन को जानना
शिविर के इस सत्र डॉ. नायर ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा सर्जन सुप्रीम सर्जन है। अपनी बीमारी से लेकर जिम्मेदारी सब कुछ प्रभु अर्पण कर दो तो फिर आपकी जिम्मेदारी प्रभु की हो जाएगी। फिर वही आपकी संभाल करेंगे। वहीं अंतिम सत्र में राजयोग द्वारा आंतरिक सफाई विषय पर उन्होंने कहा कि राजयोग एक जीवनशैली है। इसके नियमित अभ्यान से हमारा मन शक्तिशाली होता है।

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