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Journalist murder case: पत्रकार हत्याकांड: पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर की थी पति की हत्या, कोर्ट ने दोनों को सुनाया आजीवन कारावास

Journalist murder case: सोते समय वारदात को दिया था अंजाम, 15 मई 2024 की रात प्रेमी को घर बुलाकर पत्नी ने हाथ-मुक्के व धारदार हथियार से किया था प्रहार, फिर गमछे से गला घोंटकर घर से दूर फेंक दी थी लाश

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Journalist murder case

Wife safeena Khatoon and his lover Arazoo Khan (Photo- Patrika)

बैकुंठपुर/मनेंद्रगढ़। प्रथम अपर सत्र न्यायालय मनेंद्रगढ़ ने पत्रकार पति की बेरहमी से हत्या (Journalist murder case) करने के मामले में आरोपी पत्नी और उसके प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामला मई 2024 का है। युवक का शव घर से कुछ दूर फॉरेस्ट डिपो के पास मिला था। इस मामले में पुलिस ने उसकी पत्नी व प्रेमी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। घटना दिवस की रात पत्नी ने प्रेमी को घर बुलाकर सोते हुए पति की हत्या कराई थी। उसकी एक बेटी भी है।

अपर लोक अभियोजक गोपाल के मुताबिक प्रार्थी नसीर अहमद को 16 मई 2024 की सुबह 8 बजे जानकारी मिली कि उसके चचेरे भाई रईस अहमद (पत्रकार) (Journalist murder case) का शव मौहारपारा वन डिपो के पीछे पड़ा हुआ है। मौके पर तत्काल घटना स्थल पहुंचा, जहां रईश का शव पेड़ों के बीच गड्ढे में पड़ा था। उसके सिर और चेहरे पर गंभीर चोट लगी थी और खून से लथपथ था।

मामले (Journalist murder case) में सिटी कोतवाली मनेंद्रगढ़ को हत्या की मौखिक रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि चचेरा भाई मृतक रईश अहमद का विवाह करीब 4-5 साल पहले मौहारपारा निवासी सफीना पिता मो. याकूब के साथ सामाजिक रीति-रिवाज से हुआ था। दोनों दांपत्य जीवन से 3 साल की एक पुत्री है।

पिछले एक-डेढ़ महीने से अपनी पत्नी एवं बच्ची को साथ लेकर मौहारपारा चनवारीडांड में किराए के मकान में रहता था। मामले में धारा 302 के तहत अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया। इस दौरान पुलिस को जांच में मृतक की पत्नी पर संदेह हुआ। उसे हिरासत (Journalist murder case) में लेकर कड़ाई से पूतछताछ की गई।

Journalist murder case: पत्नी ने बनाया था हत्या का प्लान

मृतक की पत्नी सफीना ने पुलिस को बताया कि 15 फरवरी 2024 को आरजू खान के पास फोन कर अपने पति रईस अहमद की हत्या कराने की योजना बनाई थी। फिर 15 मई रात करीब 2 बजे आरोपी आरजू खान पिता शाह आलम (20) अपने बुआ के लडक़े के साथ मौहारीपारा मनेंद्रगढ़ अपनी बाइक से पहुंचा।

फिर सफीना को फोन किया तो उसने दरवाजा खोला। उसके बाद आरजू को लेकर वह बेडरूम में पहुंची। यहां रईस अहमद सो रहा था। इसी बीच आरजू ने हाथ, मुक्का, लात और धारदार हथियार से उस पर प्रहार किया। फिर गमछे से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। वारदात (Journalist murder case) के बाद सबूत को छिपाने के लिए शव को फॉरेस्ट डिपो के पीछे रख दिया गया था।

कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

मामले में (Journalist murder case) पुलिस ने आरोपी पत्नी सफीना खातून (21) से घटना में प्रयुक्त मोबाइल जब्त कर लिया। साथ ही आरोपी पत्नी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया। प्रकरण में धारा 201, 120 बी, 34 जोड़ी गई थी।

मामले में प्रथम अपर सत्र न्यायालय मनेंद्रगढ़ ने मृतक की पत्नी आरोपी सफीना खातून (21) मौहारपारा मनेंद्रगढ़ और उसके प्रेमी आरजू खान पिता शाह आलम खान (20) को धारा 120 बी में 5 साल सश्रम, धारा 449/34 में आजीवन, धारा 201/34 में 7 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।

प्रेमी के साथ भागी, अपहरण की रची साजिश

मृतक के भाई नसीर ने पुलिस को बताया था कि मृतक रईस अहमद की पत्नी करीब 4-5 पहले गढ़वा झारखंड निवासी आरजू खान के साथ भाग गई थी। फिर पत्नी ने अपहरण (Journalist murder case) होने की बात कही थी।

लेकिन मृतक रईस ने एसडीएम कोर्ट व झारखंड पुलिस में शिकायत करने के बाद जैसे-तैसे अपनी पत्नी को छुड़वाया और अपने साथ लेकर मनेंद्रगढ़ आया था। इसके बाद परिवार ने मृतक को घर से निकाल दिया था। फिर मृतक अपनी पत्नी व बेटी के साथ किराए के मकान में रहता था।


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