
Newborn girl in bag (Photo- Video grab)
बैकुंठपुर। एमसीबी जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ के नजदीक ग्राम पंचायत चनवारीडांड़ में एनएच-43 किनारे जंगल में शनिवार की सुबह एक दूधमुंही बच्ची (नवजात) लावारिस हालत में एक झोले (Mother's cruelty) में मिली। मॉर्निंग वॉक पर निकले लोगों ने बच्ची की आवाज सुनी, जब वे झाडिय़ों के पास पहुंचे तो झोले में कपड़े से लिपटी स्वस्थ, सुंदर बिटिया (3 किलोग्राम) रो रही थी। नवजात की जन्म सप्ताहभर के भीतर होने का अनुमान लगाया जा रहा है। बच्ची को सरपंच सोनू किन्नर को सौंप दिया गया, जिसे वह अस्पताल ले गई। पुलिस मामले की विवेचना कर रही है।
सरपंच सोनू किन्नर जब नवजात को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची तो डॉक्टर्स की निगरानी में सेहत की जांच की गई। इस दौरान बच्ची (नवजात) (Mother's cruelty) पूरी तरह से स्वस्थ है। उसका वजन करीब 3 किलोग्राम है।
जहां बिटिया लावारिस हालत में जंगल की झाड़ी में मिली, वह इलाका भालू विचरण है। दिनदहाड़े भालू विचरण करते नजर आते हैं। नवजात को लावारिस फेंकने के बाद शहरवासियों का दिल पसीज गया और जंगल में फेंकने वाले माता-पिता के लिए तरह के अपशब्दों का प्रयोग भी कर रहे हैं।
साथ ही बिटिया (Mother's cruelty) को गोद लेने के लिए कई परिवार सामने आ चुके हैं। वहीं कोतवाली पुलिस भी विवेचना में जुट गई है।
सिद्धबाबा पहाड़ी के पास लावारिस (Mother's cruelty) मिली बच्ची के बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल बैकुंठपुर एसएनसीयू (विशेष गहन चिकित्सा यूनिट) भेजने की तैयारी है।
दूसरी ओर पुलिस विवेचना के बाद बच्ची को अपने कस्टडी में लेकर चाइल्ड लाइन या जिला बाल संरक्षण इकाई को सौंपेगी। जहां से प्रक्रिया पूरी करने के बाद गोद लेने वाले परिवार को पालन-पोषण के लिए सौंपी जाएगी।
Updated on:
21 Nov 2025 07:01 pm
Published on:
21 Nov 2025 07:00 pm
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