
अन्नदाता ने ये क्या कर डाला, जिनसे चल रही है सांसे उन्हीं को काट डाला
कोटा . सरकार हर साल पौधारोपण के लिए मोटा बजट खर्च करती है। पौधारोपण के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाता है, लेकिन किसानों की जरा सी लापरवाही के कारण जिले में करीब 12 हजार पेड़ आग की भेंट चढ़ गए। बड़े-बड़े पेड़ आग की चपेट में आने से केवल ठूंठ रह गए हैं।
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हरियाली से आच्छादित राजमार्ग 70 पर सुल्तानपुर से बड़ौद के बीच सैकड़ों पेड़ जल गए हैं। मामला जिला कलक्टर तक पहुंचने पर उन्होंने किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। पत्रिका संवाददाता ने कोटा से इटावा तक सवा सौ किमी के मार्ग का जायजा लिया तो यह भयावह तस्वीर सामने आई। राजमार्ग 70 पर सुल्तानपुर से इटावा तक दोनों तरफ खेत है। इस राजमार्ग के दोनों तरफ सफेदा, बम्बूल आदि के सैकड़ों पेड़ है।
नहरी क्षेत्र होने के कारण ज्यादातर खेतों में गेहूं की फसल हुई है। किसानों ने फसल काटने के बाद नौलाइयों में आग दी है। इस आग से बड़े-बड़े पेड़ जल कर खाक हो गए हैं। अब केवल अवशेष के रूप में ठूंठ नजर आते हैं। यही हाल कोटा-सांगोद मार्ग पर है। यहां भी सैकड़ों पेड़ आग की भेंट चढ़ गए हैं।
पिछले दिनों दीगोद के पास एक किसान ने नौलाइयां लगाने के लिए आग लगा दी थी। आग बढऩे पर कोटा से दमकलों भेजकर आग पर काबू पाया था। इस आग में करीब 50 पेड़ जल गए थे। प्रशासन के पास करीब 12 हजार पेड़-पौधे के आग के कारण नष्ट होने की शिकायत आ चुकी है।
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नौलाइयों में आग लगाने के मामले रोजाना शिकायतें आ रही हैं। जिला कलक्टर के निर्देश पर किसानों को पाबंद भी किया जा रहा है। आग से पेड़-पौधे ही नहीं, जीव-जन्तु पर जल जाते हैं।
-तारामती वैष्णव, एसडीएम दीगोद
कलक्टर ने गंभीर माना
सुल्तानपुर क्षेत्र में जनसुनवाई के दौरान नौलाइयों में किसानों द्वारा आग लगाने का मामला जिला कलक्टर के समक्ष आया था। इको डवलपमेंट सोसायटी के अध्यक्ष डा. एल.एन. शर्मा ने भी कलक्टर को शिकायत भेजकर नौलाइयों की आग से पेड़ों को बचाने की मांग की है।
Published on:
24 May 2018 11:43 am
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