
14 murders in 5 months at Kota
अपराधियों की नकेल कसने के कोटा पुलिस के दावों की पोल खुल गई है। राजस्थान का सबसे शांत इलाका माने जाने वाला कोटा फिलहाल अपराधियों के बढ़ते हौसलों से दहशत में है। अचानक बढ़े क्राइम ग्राफ पर नजर डालें तो आंकड़े बेहद भयावह हैं। पिछले पांच महीने में ही बेखौफ अपराधियों ने 14 लोगों की हत्याएं कर दी। इनमें से भी 6 तो पिछले 35 दिनों में ही हुई।
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सबसे ज्यादा हत्या के मामले कुन्हाड़ी क्षेत्र में
कोटा के क्राइम ग्राफ पर नजर डालें तो पिछले पांच महीने में सबसे ज्यादा 3 हत्या के मामले कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र में हुए हैं। वहीं जवाहर नगर और रेलवे थाना क्षेत्रों में दो-दो लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। जबकि उद्योग नगर, महावीर नगर, अनन्तपुरा, कैथूनीपोल, गुमानपुरा, भीमगंजमंडी और विज्ञान नगर थाना क्षेत्रों में एक-एक हत्या की वारदात हुई है।
अपनों ने ही किया रिश्तों का कत्ल
पिछले पांच महीनों में हुई हत्याओं के मामलों की समीक्षा की जाए तो सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि ज्यादातर मामलों में हत्यारे अपने ही निकले। रिश्तों का खून करने वालों में भाई से लेकर सात जन्मों तक साथ निभाने की कसम खाने वाले पति तक शामिल हैं। कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र में तमन्ना उर्फ पिंकी की हत्या उसके पति यूनुस ने की थी। कुन्हाड़ी में राजकुमारी बैरवा की हत्यारा भी उसी का पति किशोरीलाल निकला। जबकि जवाहर नगर में अजय वाल्मीकि की हत्या उसके भाई पप्पूलाल ने ही कर डाली थी। ऐसे ही राम प्रसाद की हत्या भी उसके भाई महावीर ने ही की थी।
मार्च से शुरू हुआ हत्याओं का सिलसिला
वर्ष 2017 के शुरुआती दो महीने शांति से गुजरे, लेकिन इसके बाद मार्च के महीने में कोटा में हत्या का पहला मामला सामने आया। जवाहर नगर थाना क्षेत्र में 7 मार्च की रात को तलवंडी निवासी प्रेमलता सिंघवी की उनके यहीं किराए से रहने वाले स्टूडेंट्स ने गला घोंटकर हत्या कर दी थी। आरोपित सिंघवी की कार भी लेकर भाग गए थे। इसके बाद तो मार्च के महीने में 14 दिनों में ताबड़तोड़ 4 हत्याएं हुई।
सवालों में घिरा कुन्हाड़ी थाना
हत्या की वारदातों को लेकर कोटा की कुन्हाड़ी थाना पुलिस पर तमाम सवाल भी उठे। इस थाने में हत्या के सर्वधिक तीन मामले दर्ज किए गए। पीड़ितों ने पुलिस पर अपराधियों के खिलाफ समय रहते कार्रवाई ना करने के भी आरोप लगाए। रक्षाबंधन से एक दिन पहले हुए कत्ल वाले मामले में मृतक के परिजनों ने एक दिन पहले ही पुलिस को अनहोनी की आशंका जताते हुए कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन पुलिस चुप्पी साध गई और अगले दिन रामप्रसाद की जान चली गई। राजकुमारी हत्याकांड में भी बच्चों ने पुलिस पर आरोप लगाया था कि पिता की प्रताडऩा से आहत मां को लेकर वह कई बार थाने गए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पुलिस ने कार्रवाई करना तो दूर आरोपितों के खिलाफ सख्ती दिखाना तक उचित नहीं समझा। ऑटो चालक लालसिंह के बेटे ने भी शिकायत के बावजूद पड़ोसियों के खिलाफ कार्रवाई ना करने के आरोप लगाए हैं।
अंधेरे में तीर चला रही पुलिस
शहर में चर्चित हत्याओं के आरोपितों तक पुलिस अभी भी नहीं पहुंच पाई है। रेलवे कॉलोनी में दम्पती की हत्या एक माह बाद अभी भी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। भीमगंजमंडी में प्रोपर्टी व्यवसायी की मुख्य आरोपित भुवनेश शर्मा पुलिस गिरफ्त से दूर है। कुन्हाड़ी में पत्नी की हत्या का आरोपित किशोरीलाल भी पुलिस की पकड़ में नहीं आया है।
तारीख ---- हत्याकांड
7 मार्च- जवाहर नगर थाना क्षेत्र में (तलवंडी) प्रेमलता की गला घोंटकर हत्या
11 मार्च - अनंतपुरा थाना क्षेत्र में मुरारीलाल वाल्मीकि की हत्या
14 मार्च- महावीर नगर थाना क्षेत्र में लोकेश कुशवाह की चाकू से गोदकर हत्या की गई
19 मार्च - कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र में तमन्ना उर्ल पिंकी की हत्या कर दी गई
03 अप्रेल- गुमानपुरा थाना क्षेत्र में देवीलाल प्रजापत की हत्या की गई
06 मई - जवाहर नगर थाना क्षेत्र में अजय वाल्मीकि की हत्या हुई
08 मई - कैथूनीपोल थाना क्षेत्र में अनिल कुमार की चाकू से हमला कर हत्या की गई।
12 जून- उद्योग नगर थाना क्षेत्र में गोलू की हत्या हुई।
15 जुलाई - रेलवे कॉलोनी थाना क्षेत्र में बजरंग नरूका और उनकी पत्नी की हत्या
06 अगस्त - कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र में महावीर ने अपने छोटे भाई रामप्रसाद की हत्या की
10 अगस्त - भीमगंजमंडी थाना क्षेत्र में प्रॉपर्टी व्यवसाई दुर्गेश मालवीय की हत्या
11 अगस्त - कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र में राजकुमारी बैरवा की हत्या
18 अगस्त - विज्ञान नगर थाना क्षेत्र में लालसिंह की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई।
Updated on:
20 Aug 2017 10:17 am
Published on:
20 Aug 2017 10:13 am
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