उधर, एयरपोर्ट अधिकारी लोकेश निर्वाण का कहना है कि नियमों को पूरा नहीं किया गया और नियम विरुद्ध हवाई सेवा चलाई जा रही थी।
पत्रिका स्टिंग में खुलासा : कैग की रिपोर्ट के 8 माह बाद भी हालात जस के तस
एयरलाइंस प्रबंधन को डीजीसीए व बीसीए द्वारा भी क्लीयरेंस के लिए पत्र लिखा गया था, लेकिन उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया। डीजीसीए व एएआई ने 20 मार्च, डीजीसीए के डायरेक्टर केसरी सिंह ने 3 अप्रैल व स्थानीय स्तर पर हमनें 11 अप्रेल को भी इन्हें औपचारिकता पूरी करने के लिए पत्र भेजा। साथ ही मेल के माध्यम से भी अवगत कराया था। सूत्रों के मुताबिक, इंटर स्टेट उड़ान में ज्यादा दिक्कत नहीं थी, लेकिन दिल्ली के लिए हवाई सेवा में नियमों की पूरी पालना जरूरी है। कोचिंग छात्रों ने करा रखी थी बुकिंग
जानकारी के अनुसार कोटा से दिल्ली के लिए जुलाई तक कई लोगों ने व कोचिंग स्टूडेंट ने फ्लाइट में सीट बुक करा रखी है। गुरुवार तक जिन लोगों ने फ्लाइट में सीट बुक करा रखी थी, उन्हें रिफंड किया जा रहा है। यदि फ्लाइट शुरू नहीं हुई तो आगे भी लोगों को रिफंड किया जाएगा।
रोष जताया
कांग्रेस नेता इंद्रमोहन ङ्क्षसह, सुरेश गुर्जर, जिला कांग्रेस कमेटी सचिव धर्मेन्द्र डामी, राजेन्द्र सिंह, जितेन्द्र सोलंकी सहित कई लोगों ने एयरपोर्ट अधिकारी से मुलाकात कर फ्लाइट बंद होने पर रोष जताया।
किसानों का रूठा भाग्य सोना उगलने वाली जमीन हुई बंजर
राजस्थान में कहीं दिक्कत नहीं
सुप्रीम एयरलाइंस के वाइस प्रेसीडेंट आकाश अग्रवाल ने बताया कि एकाएक नियमों का हवाला देकर हवाई सेवा बंद करना ठीक नहीं है। हमारे पास सभी पेपर पूरे हैं। राजस्थान में जयपुर , उदयपुर , बीकानेर , रणथंभौर, जोधपुर सहित कई जगह फ्लाइट चल रही है और राजस्थान से बाहर भी फ्लाइट जा रही है, लेकिन कहीं भी परेशानी नहीं आ रही। कोटा में जानबूझ कर परेशान किया जा रहा है। एयरपोर्ट अधिकारी मनमानी कर रहे हैं।
वोट मांगने आए तो नेताओं का गांव से निकलना ही कर देंगे मुश्किल
कोई सूचना नहीं मिलती थी
कोटा एयरपोर्ट अधिकारी लोकेश निर्वाण ने बताया कि जब से जयपुर से कोटा व कोटा से दिल्ली फ्लाइट शुरू की गई है, तब से लेकर अब तक सुप्रीम एयरलाइंस के प्रतिनिधि द्वारा फ्लाइट के कोटा आने व कैंसिल होने की सूचना नहीं देते थे। फ्लाइट का समय बदलने पर भी सूचित नहीं करते थे। यहां एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) नहीं होने से फ्लाइट के आने की सूचना नहीं मिलती। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता।