पहले झगड़े फिर बीच रास्ते से शव लौटा लाए एम्बूलेंस चालक
पूर्व में भी मगरमच्छों ने इस क्षेत्र में कई लोगों को अपना शिकार बनाया है। इससे लोगों भय व्याप्त है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि या तो चन्द्रलोई नदी से मगरमच्छों को निकालकर समुन्द्र में डाल दें या फिर किसानों को उन्हें मारने की छूट दे दी जाए।
दिनभर लोगों ने भुगती न्यास और जलदाय विभाग की लापरवाही
गौरतलब है कि चन्द्रलोई नदी में हजारों की संख्या में मगरमच्छ हैं। इनके आतंक से लोगों ने नदी की तरफ जाना कम कर दिया है। इससे पहले भी चन्द्रेसल निवासी मंगलेश नागर पर मगरमच्छ ने हमला कर दिया था। इस कारण उसका हाथ खराब हो गया। नागर ने बताया कि वह दोस्तों के साथ चन्द्रलोई नदी में नहा रहा था।
कोटा के इस इलाके में फैला रखा है मगरमच्छों ने आतंक, जानवरों के साथ इंसानों को भी बना रहे अपना शिकार
तभी मगरमच्छ ने उसका हाथ पानी के अंदर खींच लिया। दोस्तों ने उसे जैसे-तैसे बचाया। खेडली पाड्या गांव की एक महिला नदी पर कपड़े धो रही थी। उसका पैर भी मगरमच्छ ने पकड़ लिया और वह खराब हो गया। कुछ दिन पूर्व राम खेड़ली में एक भैंस का पैर मगरमच्छ चबा गया।