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सीएमएचओ की सर्विस बुक में छिपे गहरे राज, कोटा से जयपुर तक खौज रहा चिकित्सा विभाग

locationकोटाPublished: Oct 08, 2019 03:03:40 pm

Submitted by:

​Zuber Khan

कर्मचारियों की शिकायत के बाद जब सीएमएचओ के खिलाफ कार्रवाई का नम्बर आया तो उनकी सर्विस बुक लापता हो गई।

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सीएमएचओ की सर्विस बुक में छिपे गहरे राज, कोटा से जयपुर तक खौज रहा चिकित्सा विभाग

कोटा. स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग ( Health and Medical Department ) के जिला मुखिया की सर्विस बुक नहीं मिल रही है। विभागीय कर्मचारियों की शिकायत के बाद जब सीएमएचओ ( Kota CMHO ) के खिलाफ कार्रवाई का नम्बर आया तो उनकी सर्विस बुक तलाशी ( CMHO Service Book ) गई, लेकिन संयुक्त निदेशक कार्यालय से लेकर उनके पुराने तैनाती स्थल ईएसआई तक में खासी खोजबीन के बाद भी नहीं मिली।
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अब संयुक्त निदेशक कार्यालय के कार्मिक उनकी सर्विस बुक तलाशने के लिए जयपुर भेजे हैं। कोटा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. भूपेंद्रसिंह तवंर के खिलाफ उनके अधीनस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों ने मानसिक उत्पीडऩ, महिलाओं से अमर्यादित व्यवहार, सरकार के प्रतिबंध के बाद भी प्रतिनियुक्ति करने, आशा प्रशिक्षण के दौरान हुए विवादों और सांगोद ब्लॉक में कोटपा एवं फ्लोरोसिस रोकथाम गतिविधियां संचालित करने के लिए बजट नहीं देने समेत दर्जन भर शिकायतें स्वास्थ्य निदेशक से की थी। जिन्हें गंभीरता से लेते हुए चार अप्रेल को निदेशक जन स्वास्थ्य ने संयुक्त निदेशक को सभी शिकायतों की गहनता से जांच करने के आदेश (निस/निदेशक(जन. स्वा)/ 2019/51) जारी कर दिए। उधर, सीएमएचओ डॉ. तंवर ने जांच अधिकारी पर सवाल उठाया है।

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पैसा एज इट इज वापस चाहिए
जांच के दौरान बीसीएमओ सांगोद डॉ. प्रभाकर व्यास ने बयान दिया कि सीएमएचओ ने रविवार को छुट्टी के बावजूद अपने घर बुला कर मोबाइल स्विच ऑफ करवा दिया। इसके बाद उन्होंने बोला कि कोटपा और फ्लोरोसिस गतिविधियां संचालित करने के लिए पैसा दे रहा हूं वो मुझे एस इट इज वापस चाहिए। ऐसा करने के इनकार कर दिया तो उन्होंने दोनों ही गतिविधियां संचालित करने के लिए अन्य ब्लॉकों को तो प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी, लेकिन सांगोद ब्लाक को छोड़ दिया।


यह बोली जांच रिपोर्ट
जांच कमेटी इस नतीजे पर पहुंची कि सीएमएचओ का अधीनस्थ जिला एवं ब्लॉक स्तर के अधिकारियों के साथ कार्यालयिक व्यवहार और संबंध सही नहीं है। कार्यालय में पारदर्शिता का अभाव है। महिलाओं के साथ अभद्रता और अनर्गल टिप्पणियों के मामले में कमेटी ने लैंगिक उत्पीडऩ अधिनियम के तहत जिला स्तर पर गठित प्रशासनिक समिति से अलग से जांच करवाने की भी सिफारिश मुख्यालय से की थी। जांच रिपोर्ट पर कार्यवाही के लिए जब मुख्यालय ने संयुक्त निदेशक कार्यालय से सर्विस बुक मांगी तो पता चला कि वह कार्यालय में नहीं है। डॉ. तंवर को फरवरी में ईएसआई से तबादला कर सीएमएचओ की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसीलिए ईएसआई में भी उनकी सर्विस बुक तलाश कराई गई, लेकिन वहां भी नहीं मिलने के बाद सोमवार को सर्विस बुक तलाशने के लिए जयपुर भेजे गए हैं।
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जांच अधिकारी सीएमएचओ बनना चाहते हैं, इसलिए यह खेल
इस रिपोर्ट के जांच अधिकारी सीएमएचओ पद पर मेरे पूर्ववर्र्ती रहे हैं। इनके स्थान पर मैं यहां आया हूं। तब से वे अर्नगल आरोप लगा कर इस तरह की पहले से तय जांच रिपोर्ट भेजते रहते हैं। इस बारे में मैंने विभाग को भी पत्र भेज कर बताया है कि मेरे खिलाफ अगर कोई शिकायत आती है तो निदेशालय स्तर पर ही जांच कराई जाए, संयुक्त निदेशक की निष्पक्षता मेरे लिए संदेश के घेरे में है। इसके अलावा कई अधिकारियों को कार्य नहीं करने की वजह से कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। आशा ट्रेनिंग का औचक निरीक्षण भी करवाया है । जिसके फलस्वरूप उन्होंने शिकायत कर दी। सर्विस बुक के बाबत किसी तरह की जानकारी नहीं है। यह ऐसा विषय नहीं है जिसे छापा जाए।
डॉ. भूपेंद्र तंवर, सीएमएचओ, कोटा


विभागीय अधिकारियों की शिकायत की जांच पूरी कर मुख्यालय भेज दी गई है। उनकी सर्विस बुक संयुक्त निदेशक कार्यालय में नहीं मिल रही थी। जयपुर मुख्यालय में होने की संभावना पर एक कर्मचारी को सर्विस बुक तलाशने के लिए सोमवार को जयपुर भेजा गया है।
डॉ. आरके लवानिया, संयुक्त निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
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