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मास्टर प्लान की उड़ रही धज्जिया कही बने तबेले तो कहीं चबूतरे

locationकोटाPublished: Apr 13, 2018 12:52:12 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

मास्टर प्लान के तहत आवासीय कॉलोनियों में पार्क और ग्रीन बेल्ट रखने का प्रावधान है, लेकिन ग्रीन बेल्ट को अतिक्रमियों ने उजाड़ दिया।

Encroachment
कोटा .

कोटा में भी मास्टर प्लान की धज्जियां उड़ाते हुए जमीन का मनचाहा उपयोग किया है। हरियाली के लिए पार्कों के लिए जमीन रखी गई थी, वहां स्कूल व अन्य भवन बन गए हैं। ग्रीन बेल्ट को अतिक्रमी लील गए हैं। फुटपाथ पर चलने की जगह नहीं बची।
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मास्टर प्लान की पालना को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। हाईकोर्ट ने कोटा, जोधपुर , जयपुर समेत छह बड़े शहरों में मास्टर प्लान की पालना रिपोर्ट मांगी है। कोटा शहर में ग्रीन बेल्ट और पार्कों की क्या स्थिति है, इसको लेकर ‘पत्रिका टीम’ ने शहर का दौरा किया तो हैरानी वाली बात सामने आई।

मास्टर प्लान के तहत आवासीय कॉलोनियों में पार्क और ग्रीन बेल्ट रखने का प्रावधान है, लेकिन ग्रीन बेल्ट को अतिक्रमियों ने उजाड़ दिया। गोबरिया बावडी से लेकर घटोत्कच चौराहे तक की ग्रीन बेल्ट की दीवार तोड़कर धार्मिक स्थल, पक्के चबूतरे और मवेशियों के तबेले बना दिए गए हैं। रंगबाड़ी में ग्रीन बेल्ट पर अतिक्रमण कर मकान खड़े कर लिए हैं। जबकि नगर विकास न्यास की ओर से हर साल ग्रीन बेल्ट की देखरेख और विकसित करने के लिए मोटा बजट खर्च किया जाता है।
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बगीचों की जगह बन गए स्कूल
मास्टर प्लान में जहां बगीचों के लिए जगह रखी गई थी, वहां आज बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी हैं। नगर विकास न्यास ने भू उपयोग परिवर्तन कर उद्यानों की जगह स्कूलों को आवंटित कर दी। महावीर नगर तृतीय, महावीर नगर प्रथम, बसंत विहार में पार्कों की जगह का भू-उपयोग बदलकर इसे स्कूलों को आवंटित कर दिया गया है। यहां आज स्कूल संचालित हो रहे हैं। इन्द्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र में पार्क की जगह थाने को दे दी है। नांता में पार्क की जगह गैस गोदाम के लिए देने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण अटक गया है।

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नहीं बना मल्टीस्टोरी बिल्डिंग जोन
हाईकोर्ट ने पिछले दिनों नगर निगम और नगर विकास न्यास से मास्टर प्लान की पालना रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद शहर में घनी आबादी क्षेत्र में मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स की स्वीकृति पर विराम लग गया। लेकिन अभी तक शहर में मल्टीस्टोरी बिल्डिंग जोन नहीं बना है।

निगम ने हाईकोर्ट की फटकार के चलते तीन दर्जन से अधिक मल्टीस्टोरी बिल्डिंग की निर्माण स्वीकृति पर रोक लगा दी है। आधा दर्जन पत्रावलियों को नगर निगम की भवन निर्माण समिति ने अनुमोदित कर स्वीकृति के लिए राज्य सरकार को भेज दिया था, वहां से भी हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए स्थानीय निकाय विभाग के विधि अनुभाग ने स्वीकृति देने से इनकार कर दिया है।

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