गौरतलब है कि प्राधिकरण ने वन विभाग को पूर्व में पत्र भेजकर टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी मांगी थी, इसमें कॉलर आईडी, बाघों के लिए प्रे-बेस समेत अन्य प्रश्न किए गए थे। प्राधिकरण ने थोड़े-थोड़े अंतराल में पत्र लिखे लेकिन विभाग इनके जवाब नहीं दे पाया। इस कारण कुछ दिन पूर्व प्राधिकरण ने बाघ की शिफ्टिंग पर अस्थाई रोक लगा दी। मामले में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जीवी रेड्डी ने बताया कि प्राधिकरण ने जो जानकारी मांगी थी, उन सवालों के जवाब दे दिए गए हैं।
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जल्द शिफ्टिंग की तैयारी
वन विभाग जल्द मुकुन्दरा हिल्स टागइर रिजर्व में बाघ शिफ्ट करना चाहता है। हाल ही स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की स्टेंङ्क्षडग कमेटी के अध्यक्ष अजीत सिंह , मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक व कमेटी के सचिव रेड्डी, सदस्य धर्मेन्द्र खांडल व अन्य ने 25 व 26 मार्च को टागइर रिजर्व का दौरा किया था।
जल्द शिफ्टिंग की तैयारी
वन विभाग जल्द मुकुन्दरा हिल्स टागइर रिजर्व में बाघ शिफ्ट करना चाहता है। हाल ही स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की स्टेंङ्क्षडग कमेटी के अध्यक्ष अजीत सिंह , मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक व कमेटी के सचिव रेड्डी, सदस्य धर्मेन्द्र खांडल व अन्य ने 25 व 26 मार्च को टागइर रिजर्व का दौरा किया था।
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पहले से ही देरी
मुकुन्दरा में बाघ बसाने की डेट लाइन 31 दिसम्बर तय की थी, लेकिन बजरी पर रोक के बाद सुरक्षा दीवार निर्माण व अन्य कार्यों की गति धीमी हो गई। इससे निर्धारित तिथि में बाघों को शिफ्ट नहीं किया जा सका। इसके बाद मार्च-2018 में बाघ को शिफ्ट करना तय हुआ है।
पहले से ही देरी
मुकुन्दरा में बाघ बसाने की डेट लाइन 31 दिसम्बर तय की थी, लेकिन बजरी पर रोक के बाद सुरक्षा दीवार निर्माण व अन्य कार्यों की गति धीमी हो गई। इससे निर्धारित तिथि में बाघों को शिफ्ट नहीं किया जा सका। इसके बाद मार्च-2018 में बाघ को शिफ्ट करना तय हुआ है।
वन विभाग जल्द ही टागइर रिजर्व में एक बाघ व दो बाघिनों को शिफ्ट करना चाहता है। इसके लिए विभाग ने 4 बाघों व 5 बाघिनों का चयन किया है। प्रारंभिक तौर पर रामगढ़ अभयारण्य में पिछले पांच माह से भ्रमण कर रहे बाघ टी-91 व रणथंभौर से टी 95 दोनों में से एक को शिफ्ट करने की योजना है।
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एनटीसीए ने पूछा मुकुन्दरा में चारदीवारी क्यों बनाई?
नेशनल टाइगर कन्जरवेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में 82 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में चारदीवारी बनाने पर आपत्ति जताई है। इस पर सरकार का कहना है कि यह टाइगर को सुरक्षा देने के लिए है।
एनटीसीए ने पूछा मुकुन्दरा में चारदीवारी क्यों बनाई?
नेशनल टाइगर कन्जरवेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में 82 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में चारदीवारी बनाने पर आपत्ति जताई है। इस पर सरकार का कहना है कि यह टाइगर को सुरक्षा देने के लिए है।
मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में रणथंभौर से तीन बाघ शिफ्ट करने पर एनटीसीए ने पेंच फंसा दिया है। एनटीसीए की आपत्तियों को दूर करने के लिए वन मंत्री गजेन्द्रसिंह खींवसर को खुद आगे आना पड़ा। उन्होंने वन विभाग के आला अफसरों के अलावा स्टेंडिंग कमेटी के साथ बुधवार को जयपुर में बैठक की। इसमें एनटीसीए की ओर से दी गई आपत्तियों को दूर करने पर चर्चा की गई।
एनटीसीए ने राज्य से मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में 82 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में चारदीवारी बनाने के कारण और बाघ के लिए कॉलर आईडी खरीद की जानकारी मांगी है। वन मंत्री खींवसर ने बताया कि मुकुंदरा समेत अधिकांश सेन्चुरी, झालाना पैंथर सफारी समेत अन्य जगह चारदीवारी बन रही है।
यह बाघों और वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए बनाई गई है। इसके अलावा कॉलर भी मंगवा लिए गए हैं। इसकी जानकारी एनटीसीए को भेजी जा रही है। वहीं स्टेंडिंग कमेटी ने मुकुंदरा का दौरा कर लिया है। कमेटी ने मुकुंदरा में बाघों के लिए भोजन और पानी समेत सुरक्षा के माकूल इंतजाम बताए हैं।