जवाब : मुझे विश्वास नहीं था, लेकिन जिस तरह से मैंने पढ़ाई की, उस हिसाब से मुझे टॉप टेन में आने का पूरा विश्वास था। यह मेरा सपना था, जो पूरा हुआ।
जवाब : सोशल मीडिया से पूरी तरह से दूरी बनाए रखी। मन लगाकर पढ़ाई की। कोचिंग में शिक्षक जो भी पढ़ाते थे। उस पर पूरी तरह से फोकस रखती थी।
जवाब: उत्तरप्रदेश के कुशीनगर क्षेत्र से हूं। 10वीं तक गांव में पढ़ाई की, लेकिन कोचिंग के लिए बस से 70 किमी दूर गोरखपुर जाती थी। समय बर्बाद नहीं हो, इसलिए बस में पढ़ती थी। उसके बाद 11वीं व 12वीं में दिल्ली से कोचिंग की।
जवाब : ऑफलाइन पढ़ाई का मुकाबला नहीं, लेकिन यदि इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर मिल जाए तो ऑनलाइन भी कम नहीं है। सवाल : आपने मेडिकल का क्षेत्र ही क्यों चुना?
जवाब : आठवीं कक्षा में पढ़ती तो भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने का मानस बनाया था, लेकिन उसके बाद मन बदला और एम्स दिल्ली से एमबीबीएस करने की मन में ठान ली। फिर सपने को साकार करने में लग गई। मैं न्यूरोसर्जन स्पेशलिस्ट बनना चाहती है।
जवाब : जो भी पढ़ें, अच्छा पढ़ें, फालतू के चेप्टर में समय बर्बाद नहीं करें। मॉक पेपर, एनसीईआरटी पाठ्यक्रम को बेस बनाकर पढ़ाई करें। स्टूडेंट्स को लक्ष्य के प्रति समर्पित करना होगा, तब जाकर उसे उसकी मंजिल मिलेगी।