10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

OMG! 5 दिन बाद हो सकता है कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन बंद

कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन पर मांग पूरी नहीं होने से सात इकाइयों के पास अब सिर्फ पांच दिन का काेयला बचा है। 

2 min read
Google source verification
Only 5 Day Coal Stock Available in Kota Thermal Plant

कोटा. कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन पर मांग की एक चौथाई रैक भी नहीं आ रही है हालात यह है कि सात इकाइयों के पास अब सिर्फ पांच दिन का काेयला बचा है। 80 फीसदी क्षमता पर ही इकाईयां संचालित की जा रही है। कोयले के आपूर्ति नहीं होने पर इकाईयाें पर काम ठप हो जाएगा तथा दोबारा संचालित करने पर 25 लाख प्रति यूनिट का खर्चा आता है।

कोटा.

कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन पर मांग की एक चौथाई रैक भी नहीं आ रही है हालात यह है कि सात इकाइयों के पास अब सिर्फ पांच दिन का काेयला बचा है। 80 फीसदी क्षमता पर ही इकाईयां संचालित की जा रही है। कोयले के आपूर्ति नहीं होने पर इकाईयाें पर काम ठप हो जाएगा तथा दोबारा संचालित करने पर 25 लाख प्रति यूनिट का खर्चा आता है।

इतना रहा स्टाॅक

बुधवार को कोयले का स्टॉक मात्र 88 हजार टन ही बचा। स्टॉक क्षमता 5 लाख टन है, जिसमें सांतों यूनिट के लिए 25 दिन का कोयला रहता है।
रोज 18 से 20 हजार टन कोयला उपयोग में आता है। कोयले की कमी के कारण कुछ यूनिट्स में उत्पादन बंद हो सकता है। बहरहाल, क्षमता से 20 फीसदी कम लोड पर यूनिटें चलाई जा रही हैं।

Read More: पेन कार्ड बनवाने के बहाने हड़प ली लाखोें की जमीन

एेसे आया संकट
जानकारी के अनुसार बिहार और छत्तीसगढ़ से 4 से 5 रैक रोजाना आती है, लेकिन अभी कुछ दिन से रोजाना एक या दो रैक ही आ रही। इसमें 4 से 8 हजार टन कोयला ही पहुंच रहा, जबकि उपयोग 18 से 20 हजार होता है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के रिकॉर्ड के अनुसार अभी यहां पांच दिन का कोयला मौजूद है, लेकिन अधिकारी दावा कर रहे है कि रैक एक दो दिन में बढ़ जाएंगी।

बारिश से बता रहे समस्या
थर्मल के अभियंता कह रहे हैं कि बिहार व मार्ग में कई जगह बाढ़ की वजह से लोडिंग कम हो गई है। वहीं कोल माइंस में भी पानी भर गया है, जिससे उत्पादन पर बुरा असर पड़ा है। वहीं, रेलवे ट्रेक और सड़कों पर पानी भरने के चलते भी कोयले की ढुलाई प्रभावित हुई है।

Read More: Video: 108 एम्बुलेंस में ही हो गया बालिका का जन्म, गूंजी किलकारियां

सुपर क्रिटिकल स्थिति
नियमानुसार तो एक माह का कोयला स्टॉक में होना चाहिए। सीईए की गाइडलाइन के मुताबिक सात दिन से कम का कोयला स्टॉक वाले बिजलीघर को क्रिटिकल घोषित कर दिया जाता है। वहीं स्टॉक चार दिन से कम का होने पर सुपर क्रिटिकल श्रेणी में शामिल माना जाता है। कोटा थर्मल में पहले भी कोयले की कमी से चार यूनिट बंद हुई हैं।

बस पांच दिन की जलावन

05 लाख टन है कोयला स्टॉक क्षमता
88 हजार टन बचा स्टॉक
05 दिन चल सकता है बिजलीघर इससे
04 पांच रैक रोजाना आती थीं
01 ही आ रही है अब

Read More: हीरे की परख जौहरी करता है जब जौहरी ही नहीं तो कैसे निकलेंगें हीरे

दुबारा चालू करने में 25 लाख प्रति यूनिट खर्चा
थर्मल के अभियंताओं के अनुसार एक इकाई के बंद होने के बाद इसे चालू करने में करीब 25 लाख रुपए खर्च होते हैं। इसमें ऑयल व अन्य संसाधन उपयोग में लिए जाते हैं। जितनी यूनिट बंद होगी उसके अनुसार खर्चा बढ़ जाएगा।
मुख्य अभिंयता कोटा थर्मल एचबी गुप्ता का कहना है कि सही बात है, रैक कम आने से कोयले का स्टाक कम हो रहा है। पांच दिन का ही बचा है। इसकी पूर्ति हो जाएगी। वैसे भी क्षमता से 20 फीसदी कम लोड पर यूनिटें चल रही हैं।