राजस्थान पत्रिका ने जब इसका खुलासा किया तो पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया। मामले की जांच के लिए परिवहन विभाग ने पहले हेल्प डेस्क खोलकर सभी ई रवन्नों की जांच और वाहन मालिकों के साथ समझाइश करने के आदेश दिए। बावजूद इसके विवाद थमता न दिखा तो परिवहन आयुक्त राजेश यादव ने मंगलवार को आदेश जारी कर ओवरलोड कमर्शियल व्हीकल्स से जुर्माने की वसूली स्थगित कर दी। विसंगतियों की होगी जांच
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परिवहन आयुक्त ने प्रादेशिक परिवहन अधिकारियों को भेजे पत्र में लिखा है कि ई रवन्नों में वाहनों की क्षमता और लदान भार को लेकर विसंगतियां सामने आई हैं। इसके साथ ही कुछ गैर व्यवसायिक वाहनों के नंबर पर भी ई रवन्ने जारी करने के प्रकरण आए हैं। इसलिए जिन वाहनों पर ओवर लोडिंग पेनल्टी लगाई गई है प्रादेशिक परिवहन अधिकारी उनकी गहनता से जांच करवाएं। तब तक पेनल्टी की वसूली स्थगित कर दी जाए।
गिरेगी कई पर गाज
ई रवन्ना जारी करते समय खनन विभाग के कर्मचारी संबंधित वाहन की फोटो खींच कर ई रवन्ना पर लगाते हैं। उच्च स्तरीय जांच में फर्जी नंबरों से चल रहे व्यवसायिक वाहन तो पकड़ में आएंगे ही साथ ही फर्जी तरीके से तैयार किए गए ई रवन्नों का भी खुलासा हो सकेगा। परिवहन विभाग के आला अफसर फर्जी ई रवन्ना जारी करने वाले खनन विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पहले ही पत्र लिख चुके हैं। कोटा में अभी तक दर्जन भर फर्जी ई रवन्ने पकड़ में आए हैं।
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परिवहन आयुक्त के आदेश के बाद कमर्शियल व्हीकल्स से ओवर लोडिंग पेनल्टी की वसूली स्थगित कर दी गई है। ई रवन्नों की जांच के निर्देश दिए गए हैं। प्रकाश सिंह राठौड़, आरटीओ, कोटा