रेलवे में लोको पायलट और टीटी की नौकरी दिलाने के नाम पर पड़ोसी ने ठगे 29.82 लाख, दोस्तों को भी नहीं बख्शा
निजामुद्दीन से कोटा आ रही इस ट्रेन में बुधवार को डी-13 कोच में कुछ सीटों पर इस तरह के बोल्ट निकले होने के कारण यात्री इन पर नहीं बैठ पाए, इस कारण ये सीटें खाली रहीं। यह कोच 11 माह पहले ही ट्रेक पर उतरा है। जनशताब्दी एक्सप्रेस का संचालन नए रेक से शुरू किए एक साल भी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन रेक के रखरखाव में कोताही होने लगी है।
गत 14 जनवरी 2019 को एलएचबी तकनीक के नए कोचों का रेक लगाया गया। नए रेक के गलियारे में सेंसर लगे हैं। एसी कुर्सियानोंं के गलियारे से कोच के अंदर जाने वाले दरवाजे ऑटोमेटिक खुलते हैं।
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कोचों में सुविधाजनक सीट के साथ स्टेडी लैम्प भी लगे हैं। द्वितीय श्रेणी कुर्सियानों के कोच में 102 और एसी कुर्सियान श्रेणी के कोचों में 77 यात्रियों के बैठने की सुविधा है। जनशताब्दी एक्सप्रेस दिल्ली जाने के लिए सबसे ज्यादा लोकप्रिय यात्री गाड़ी है। ऐसे में रेलवे मंत्रालय द्वारा इसके पुराने कोचों को बदलकर नई तकनीक के कोच लगाए गए, लेकिन इनके रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसमें पहले से ज्यादा आरामदायक सीटें हैं, लगेज रखने का अधिक स्पेस हैं।बड़ी खबर: एक जुलाई से बदलेगा ट्रेनों का समय, 28 गाडिय़ों की बढ़ेगी रफ्तार, कोटा तक चलेगी यह एक्सप्रेस
1200 से ज्यादा यात्री रोज सफर करते हैंजनशताब्दी में हर रोज 1200 से ज्यादा यात्री कोटा से सफर शुरू करते हैं। इसमें करंट आरक्षण की सुविधा होने के कारण ट्रेन चलने से आधा घंटे पहले तक आरक्षण होता है। ऐसे यात्री स्टेशन पहुंचकर भी टिकट लेकर यात्रा करते हैं।