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कोटा में रावण के कपड़े फटे, रफू करने में जुटे कारीगर, 24 घंटे बाद भी खड़ा नहीं हो सका मेघनाद, निगम के छूटे पसीने

locationकोटाPublished: Oct 08, 2019 01:51:36 pm

Submitted by:

​Zuber Khan

Dussehra, ravana dahan: कोटा में नगर निगम ने रावण की दशा बिगाडऩे में कोई कसर नहीं छोड़ी। दशानन भी निगम की अव्यवस्थाओं का शिकार हो गया।

Ravana Mannequin Damaged

कोटा में रावण के कपड़े फटे, रफू करने में जुटे कारीगर, 24 घंटे बाद भी खड़ा नहीं हो सका मेघनाद, निगम प्रशासन के छूटे पसीने

कोटा. राम के हाथों रावण का वध मंगलवार की शाम को किया जाएगा, पर इससे पहले नगर निगम ने रावण की सूरत बिगाडऩे में कसर नहीं छोड़ी। रावण के पुतले को 21 घंटे की मशक्कत के बाद खड़ा किया गया, लेकिन यह भी अव्यवस्थाओं की भेंट ही चढ़ता नजर आया। शायद इसे देखकर दशानन भी सोच रहा होगा कि निगम पूरे शहर की व्यवस्थाओं को किस प्रकार अंजाम देती होगी। यूं तो गत एक माह से रावण पर मुश्किल की घटाएं छायीं हुई थी, लेकिन सोमवार को सुबह इसे खड़ा करने के प्रयास के दौरान उलझने और बढ़ती गई। कभी बांस बल्लियां टूटी, कभी लोहे सीढ़ी में बैंण्ड आया।
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सोमवार को मध्यरात बाद जैसे तैसे रावण के पुतले को खड़ा तो कर दिया, पर इस दौरान इसकी पौशाक फट गई। यह देख निगम कर्मचारी व अधिकारी सकते में आ गए और इसे ठीक करने की जद्दोजहद में जुट गए। दरअसल रावण के पुतले के कमर से नीचे का हिस्से की घघरीनुमा पौशाक क्षतिग्रस्त हो गई थी। क्षतिग्रस्त हिस्से पर कपड़े का पैबंद लगाया जा रहा है।
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यह जद्दोजहद दोपहर 2 बजे तक जारी रही। सिर्फ रावण का पुतला ही नहीं दशानन पुत्र मेघनाद को भी निगम की अव्यवस्थाओं के आगे नतमस्तक होना पड़ा। सोमवार को इसे मैदान में लाकर खड़ा करने लगे तो यह करीब 12 फीट की ऊंचाई से धड़ाम से गिर पड़ा। इससे उसकी गर्दन व नाक का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। जबकि, दशानन का भाई 55 फीट ऊंचा कुंभकर्ण को आसानी से खड़ा दिया गया।

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21 घंटे बाद खड़ा हो सका रावण
रावण का पुतला खड़ा करने के लिए नगर निगम को पूरा अमला जुटाना पड़ा है। पुतले को खड़ा करने के लिए क्रेन की मदद ली गई, करीब 21 घंटे तक मशक्कत चली। रावण कुनबे को अलग-अलग हिस्सों में लकड़ी के पेड़े की मदद से सोमवार सुबह सात बजे से खड़ा करने की कोशिश में जुटे 150 लोगों की टीम मंगलवार तड़के 4 बजे कामयाब हुए। वहीं, 55 फीट ऊंचा मेघनाद का पुतला क्रेन की सहायता से खड़ा किया जा रहा था तभी 12 फीट की ऊंचाई पर क्रेन की कड़ी टूट गई और मेघनाद का पुतला धड़ाम से जमीन पर गिर पड़ा। इससे पुतले की नाक और गर्दन का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। मंगलवार दोपहर एक बजे तक भी निगम का अमला मेघनाद को खड़ा नहीं कर सकी।
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