
Sawan 2024 : सावन में चन्द्रेसल मठ शिव मंदिर में डरते हुए श्रद्धालु करते है पूजा-अर्चना, जानें क्यूं
Sawan 2024 : सावन का आज पहला सोमवार है। कोटा शहर के नजदीक 1100 साल पुराना चन्द्रेसल मठ शिव मंदिर प्रशासन की उपेक्षा का दंश झेल रहा है। जीर्णोद्धार नहीं होने से मंदिर का शिखर गिरने की आशंका है। भक्तजन यहां जान जोखिम में डालकर पूजा-अर्चना करने आते हैं। सावन में दूर-दूर से आए शिवभक्तों के कारण यहां मेले जैसा माहौल रहता है। राज्य सरकार ने चार साल पहले इस प्राचीन मठ व मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए ढाई करोड़ से अधिक का बजट दिया था, लेकिन ठेकेदार अधूरा काम छोड़कर चला गया। इस कारण मंदिर का शिखर गिरने की आशंका है। मंदिर की हालत जर्जर हो चुकी है, दीवारें दरकने लगी हैं। अनदेखी के चलते इस ऐतिहासिक मंदिर का गुंबद बारिश में भरभरा कर गिर गया। भक्तजनों ने बताया कि बारिश में आए दिन मठ से पत्थर गिर रहे हैं। एक हिस्सा तो गिर चुका है। शिखर से भी पत्थर गिर रहे हैं। इससे हादसे की आशंका रहती है।
चन्द्रेसल मठ मंदिर के अधीन 300 बीघा जमीन और सरकार के खाते में 2 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमा है, फिर भी प्रशासन की ओर से दीया-बत्ती के लिए राशि नहीं दी जाती। जन सहयोग व भामाशाहों के सहयोग में सावन में रुद्रभिषेक व सजावट की जाती है। बजट होने के बाद भी मठ अस्तित्व खोता जा रहा है।
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मंदिर परिसर में प्राचीन कलात्मक शैली के पत्थर खिसक चुके हैं। दीवारें दरक रही हैं। एक शिवलिंग गायब है। नंदी क्षतिग्रस्त हैं। कुआं कचरे से भर गया है। मूर्तियां और कलाकृतियां इधर-उधर बिखरी पड़ी हैं। यहां बने अन्य मंदिरों की भी कमोबेश यही स्थिति है। गर्भगृह और मंडल में अलंकृत दुर्गा, यम, कुबेर, वरुण, वायु और नटराज की पत्थर पर उकेरी प्रतिमाएं हैं।
चन्द्रेसल महादेव मठ ट्रस्ट सदस्य मुकुट नागर ने कहा कि चन्द्रेसल मठ में आने वाले श्रद्धालु हमेशा डर के साये में रहते हैं। आशंका रहती है कि कब कौनसा हिस्सा उनके ऊपर टूटकर गिर जाए। ठेकेदार ने अधूरा काम छोड़ दिया। प्रशासन को नए सिरे से टेंडर कर अधूरे काम को पूरा करवाना चाहिए।
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Updated on:
22 Jul 2024 04:01 pm
Published on:
22 Jul 2024 03:55 pm
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