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आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए रामगंजमंडी उपाधीक्षक रामकल्याण मीणा के नेतृत्व में विशेष पुलिस टीम का गठन कर जांच शुरू की गई। मुखबिर से सूचना मिली की आरोपित चोरी का माल पिकअप में भरकर खेड़ली-दरा होकर बूंदी कृषि उपज मंडी में बेचने जा रहे हैं। इस पर पुलिस ने वाहन का पीछा कर बूंदी मंडी से तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर चोरी की गई कृषि जिंस व वाहन जब्त कर लिया।
ऐसे हुआ वारदात का खुलासा थानाधिकारी अमरनाथ योगी ने बताया कि घटनास्थल के निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि आरोपित पवन उर्फ बोनू रात एक बजे बाइक लेकर गांव में घूम रहा था। संदेह होने पर आरोपित के परिजनों से पूछताछ की। जिसमें बताया कि वह रात को देरी से घर आया और सुबह जल्दी कहीं चला गया। इस पर पुलिस ने पवन के कमरे की तलाशी ली तो उसके कपड़ों की जेब व जूतों में सरसों के दाने मिले। इस पर आरोपित की तलाश की तो वह बूंदी मंडी में कृषि जिंस बेचने जाने की सूचना मिली, जिसे पीछा कर गिरफ्तार कर लिया।
उधारी चुकाने के लिए दिया वारदात को अंजाम
पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि पवन चेचट निवासी विष्णु माली के यहां ड्राइवरी करता था। उसने विष्णु से डेढ़ लाख रुपए उधार लेकर 6 माह बाद काम छोड़ दिया। इसके बाद वह बोरिना निवासी रामेश्वर गुर्जर के यहां ड्राइवरी करने लगा। विष्णु ने उधार दिए रुपए मांगे तो रामेश्वर ने खुद गारंटी पर एक माह में उधारी चुकाने का भरोसा दिलाया। पैसों का इंतजाम नहीं होने पर दोनों आरोपितों ने मोडूलाल अहीर के गोदाम से कृषि जिंस चुराने का षडय़ंत्र रचा और मौका देखकर वारदात को अंजाम दिया। बाद में कोटा से किराए पर ली पिकअप में माल भरकर फरार हो गए।
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ये रहे पुलिस टीम में हैड कांस्टेबल अजित सिंह, कांस्टेबल बाबूलाल, सुभाष, गोवर्धन, सुरेन्द्र पोरवाल व भूपेन्द्र नागर सहित कई सदस्य शामिल रहे।