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कोटा विश्वविद्यालयः सही साबित हुआ पत्रिका का चुनावी आंकलन, तीन प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित

कोटा विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव पर पत्रिका डॉट कॉम की स्पेशल कवरेज महज सात घंटे में ही सही साबित हो गई।

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Three candidates were elected unopposed in kota University

कोटा विश्वविद्यालय के चुनावी दंगल पर पत्रिका डॉट कॉम का आंकलन महज सात घंटे में ही सही साबित हो गया। नामांकन शुरू होने से पहले ही पत्रिका डॉट कॉम ने कोटा विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनावों में उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव के पदों पर निर्विरोध निर्वाचन की खबर प्रकाशित की थी। दोपहर तीन बजे पर्चा दाखिल करने की प्रक्रिया खत्म होने के साथ ही पत्रिका डॉट कॉम का आंकलन पूरी तरह सही साबित हो गया। कोटा विश्वविद्यालय में अब सिर्फ अध्यक्ष पद पर चुनाव होगा।







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कोटा विश्वविद्यालय में पहली बार चार पदों पर छात्रसंघ चुनाव हो रहा है। पिछले साल तक सिर्फ अध्यक्ष और महासचिव के पद पर ही चुनाव होता था, लेकिन इस बार विश्वविद्यालय प्रशासन ने संयुक्त सचिव और उपाध्यक्ष पद के लिए भी चुनाव आयोजित करने की घोषणा कर दी। छात्रसंघ चुनावों में दो पद बढ़ने से छात्र संगठनों की रणनीति गड़बड़ा गई। आलम यह हुआ कि पिछले चुनावों तक कट्टर दुश्मन माने जाने वाले धड़े भी इस बार एक मंच पर आ गए।

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सिर्फ एबीवीपी उतार सकी पूरा पैनल

कोटा विश्वविद्यालय छात्र संघ के लिए दो पद बढ़ने के बाद सभी छात्र संगठनों की रणनीति गड़बड़ा गई। परिस्थितियां बदलने के साथ ही एबीवीपी और एनएसयूआई ही नहीं दोनों संगठनों के बागियों का चुनावी गणित भी बिगड़ गया। इस गणित को साधने में एनएसयूआई आखिर तक नाकाम दिखी। वहीं एबीवीपी ने पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष प्रवीण गालव आदि के नाराज धड़े को मनाने की कोशिश शुरू कर दी। सीटों के बंटवारे पर सहमति बनने से एबीवीपी की यह कोशिश सफल भी हो गई। आखिर में सभी धड़ों की सहमति से पिंकेश मीणा को अध्यक्ष, संदीप जांगिड़ को महासचिव, नवीन शर्मा को उपाध्यक्ष और हरिओम राठौर को संयुक्त सचिव पद पर प्रत्याशी घोषित कर पर्चा दाखिल करवाया गया। सिर्फ एबीवीपी ही कोटा विश्वविद्यालय में अपन पूरा पैनल उतार सकी।

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अध्यक्ष पद पर होगा चुनाव

कोटा विश्वविद्यालय चुनावों में बिखरी एनएसयूआई सिर्फ अध्यक्ष पद पर निशू शर्मा को उम्मीदवार बना सकी। बाकी तीन पदों के लिए उसे प्रत्याशी तक नहीं मिले। इसके साथ ही एबीवीपी के बागी कार्यकर्ता अभिषेक मालव ने भी अध्यक्ष पद पर नामांकन दाखिल कर इस पद के लिए होने वाले चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया है। हालांकि कोटा विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और इस बार चुनाव के प्रमुख रणनीतिकार रहे प्रवीण गालव बताते हैं कि पिंकेश मीणा एमएससी फिजक्स इंटीग्रेटिड के छात्र हैं और इस पाठ्यक्रम में सबसे ज्यादा करीब 350 छात्र है। जो एक ही जगह वोट डालते हैं। ऐसे में यदि गुरुवार को नाम वापसी के दौरान किसी उम्मीदवार ने नाम वापस नहीं लिया तब भी पिकेश मीणा का जीतना लगभग तय है।

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ऐसे खुला निर्विरोध निर्वाचन का रास्ता

पत्रिका डॉट कॉम ने तीन पदों पर निर्विरोध निर्वाचन के लिए कोटा विश्वविद्यालय के पुराने राजनीतिक खिलाड़ियों का मन टटोला था। क्योंकि अक्सरकर एबीवीपी में पुराने कार्यकर्ताओं को टिकट ना मिलने से फूट पड़ती थी और दो धड़े एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ते थे, लेकिन इस बार दो की बजाय चार पद होने से यह नौबत नहीं आई तो परिषद ने पुराने छात्र नेताओं को पहले ही एक करने की कोशिश शुरू कर दी थी। जिससे सभी की नाराजगी भी खत्म हो गई और निर्विरोध निर्वाचन का रास्ता खुल गया।

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प्रत्याशियों का पड़ा टोटा

कोटा विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में पहली बार दो पद बढ़ने के साथ ही छात्रों की संख्या में भी इजाफा हुआ था, लेकिन वहीं दूसरी ओर सरकार ने प्रथम वर्ष के छात्रों को चारों प्रमुख पदों पर चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी। जिसके चलते चुनाव लड़ने की उम्मीद से दाखिला लेने वाले नए छात्र मैदान से बाहर हो गए और प्रत्याशियों का टोटा पड़ गया। एबीवीपी ने तो जैसे-तैसे अपने नाराज धड़े को मनाकर सभी पदों पर प्रत्याशी उतार दिए, लेकिन एनएसयूआई आखिरी समय तक इसमें नाकाम रही। वहीं अध्यक्ष पद पर एबीवीपी के बागी कार्यकर्ता अभिषेक मालव के चुनाव लड़ने की भी पत्रिका डॉट काम ने पहले ही संभावना जता दी थी। कोटा विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संदीप सिंह चौहान ने बताया कि नामांकन की जांच के पूरी होने के बाद गुरुवार को उपाध्यक्ष, संयुक्त सचिव और महासचिव के निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा कर दी जाएगी।