
प्रदर्शन करते किसान। फोटो- पत्रिका
लाडनूं। क्षेत्र में अतिवृष्टि से फसलों को हुए भारी नुकसान के बावजूद मुआवजा नहीं मिलने से परेशान किसानों ने विधायक मुकेश भाकर के नेतृत्व में उपखंड अधिकारी कार्यालय का घेराव किया। सैकड़ों किसान ट्रैक्टर-पिकअप के काफिले के साथ नारेबाजी करते हुए विधायक निवास से रैली निकालकर पहुंचे और एसडीएम मीना वर्मा को ज्ञापन सौंपा।
किसानों ने दोबारा पारदर्शी सर्वे और शीघ्र मुआवजा वितरण की मांग की। इस दौरान बाकलिया सहित कई गांवों के किसानों ने खराब हुई मूंग की फसल से भरी पिकअप तहसील के सामने खड़ी कर प्रदर्शन किया। भारतीय संयुक्त मोर्चा अध्यक्ष पन्नालाल भांभू, ज्ञानाराम महेरिया, एडवोकेट हरिराम मेहरड़ा और कैलाशचंद्र निठारवाल ने कहा कि मूंग, बाजरा, ग्वार व कपास की फसलें बर्बाद हुई हैं, मगर सर्वे में कई जगह अनदेखी हुई। किसान आर्थिक संकट में हैं। किसानों ने चेतावनी दी कि समय रहते न्यायपूर्ण सर्वे व राहत नहीं मिली तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
किसान विधायक निवास पर एकत्र हुए। इसके बाद पंचायत समिति प्रधान हनुमानराम काशनिया सबसे आगे ट्रैक्टर चलाते नजर आए। रैली एसडीएम कार्यालय पहुंची, जहां घेराव करने के बाद सभा हुई। विधायक मुकेश भाकर ने कहा कि जिले में मुआवजा वितरित हो रहा है, लेकिन लाडनूं को पीछे क्यों रखा जा रहा है? 30 नवंबर तक दोबारा सर्वे और मुआवजा नहीं मिला तो बड़ा आंदोलन होगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
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तहसीलदार अनिरुद्ध देव पांडे ने बताया कि पहले सर्वे में करीब 25 प्रतिशत तक नुकसान दर्शाया गया था। अब सभी पटवारियों-गिरदावरों की बैठक बुलाकर प्रत्येक गांव में दोबारा सर्वे के निर्देश दिए गए हैं। उधर, भाजपा नेता करणी सिंह ने भी अतिरिक्त जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर मुख्यमंत्री और मंत्री किरोड़ी लाल मीणा से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि बरसात फसल पकने के बाद हुई, इसलिए पहले की रिपोर्ट में कई किसान शामिल नहीं हो पाए। अन्य तहसीलों की तरह लाडनूं के किसानों को भी मुआवजा मिलना चाहिए।
Updated on:
19 Nov 2025 03:48 pm
Published on:
19 Nov 2025 03:38 pm
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