
Side effects of drinking Bael juice
Side Effects Of Bael Juice: बेल का जूस आयुर्वेद में एक बेहद लाभकारी शरबत माना जाता है, जो गर्मियों में शरीर को ठंडक देने और पाचन सुधारने में मदद करता है। इसमें मौजूद गुण कई बीमारियों से रक्षा करते हैं। हालांकि, हर व्यक्ति के शरीर की जरूरतें अलग होती हैं और कुछ स्वास्थ्य स्थितियों में इसका सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है। आइए जानते हैं किन पांच स्थितियों में बेल जूस का सेवन करने से बचना चाहिए।
बेल जूस में प्राकृतिक मिठास होती है, जो शुगर की मात्रा को बढ़ा सकती है। डायबिटिक मरीजों के लिए यह समस्या पैदा कर सकती है, क्योंकि इससे ब्लड शुगर लेवल अचानक बढ़ सकता है। खासकर यदि आप पहले से ही इंसुलिन या दवा ले रहे हैं, तो बेल जूस का सेवन आपकी दवा के असर को प्रभावित कर सकता है।
हालांकि बेल का सेवन आमतौर पर पाचन को सुधारने के लिए किया जाता है, लेकिन कुछ लोगों में यह उल्टा असर भी कर सकता है। अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन कब्ज, गैस, एसिडिटी और पेट दर्द जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। जिनका पाचन पहले से ही कमजोर है, उनके लिए बेल जूस हाजमा बिगाड़ सकता है।
बेल जूस में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो पेट की आंतरिक परत को उत्तेजित कर सकते हैं। यदि आपको गैस्ट्रिक या ड्योडिनल अल्सर है, तो इसका सेवन आपकी सेहत को और बिगाड़ सकता है। यह पेट में जलन, दर्द और सूजन बढ़ा सकता है, जिससे अल्सर की तकलीफ और गंभीर हो सकती है।
गर्भवती महिलाओं को बेल जूस का सेवन बहुत सोच-समझकर करना चाहिए। इसमें ऐसे रसायन हो सकते हैं जो गर्भाशय को संकुचित कर सकते हैं, जिससे गर्भपात या समय से पहले डिलीवरी का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, यह हार्मोनल संतुलन को भी असर कर सकता है।
बेल जूस में मौजूद तत्व ब्लड प्रेशर को घटाने में सहायक होते हैं। यदि किसी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर पहले से ही कम है, तो इसका सेवन सेहत को और बिगाड़ सकता है। इससे चक्कर आना, थकावट या बेहोशी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए लो ब्लड प्रेशर वालों को बेल जूस के सेवन से बचना चाहिए।
अगर आपको किडनी की कोई समस्या है, तो बेल जूस का सेवन करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है। बेल में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है, जो किडनी की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकती है और किडनी की स्थिति को और खराब कर सकती है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
20 May 2025 03:14 pm
Published on:
20 May 2025 12:23 pm
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