
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शेयर बाजार की गिरावट को लेकर सरकार पर साधा निशाना
Akhilesh Yadav Stock Market: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय शेयर बाजार में जारी गिरावट को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए कहा कि ‘डबल इंजन’ की सरकारे दुनिया भर से निवेशकों को बुलाने की होड़ में लगी हैं, जबकि खुद के निवेशकों को सुरक्षित नहीं रख पा रही हैं।
अखिलेश यादव ने अपनी पोस्ट में लिखा कि भारतीय शेयर बाजार की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। कुछ महीनों से निफ्टी के प्रदर्शन में गिरावट देखी जा रही है, जिसके कारण कई निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा, "भारतीय शेयर बाजार दुनिया के उभरते बाजारों में थाईलैंड और फिलीपींस के बाद तीसरा सबसे कमजोर बाजार बन चुका है। ऐसे में, एक तरफ़ 80 करोड़ लोग सरकारी अनाज पर जीवनयापन करने को मजबूर हैं और दूसरी तरफ़ जो लोग अपनी मेहनत की बचत को शेयर बाजार में लगा रहे थे, वे भी बर्बादी के कगार पर पहुंच चुके हैं।"
अखिलेश यादव ने अपनी पोस्ट में भाजपा सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह ‘आर्थिक ठगी’ बंद होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार निवेशकों को भ्रमित कर रही है और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के बजाय विदेशी निवेशकों को लुभाने के झूठे वादे कर रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "डबल इंजन सरकार पहले अपने निवेशकों को सुरक्षित करे, फिर किसी और को आश्वस्त करने के ‘ढोंगी इवेंट’ करे।"
अखिलेश यादव के इस बयान के बाद यह सवाल उठने लगा है कि आखिर भारतीय शेयर बाजार की स्थिति इतनी खराब क्यों हो रही है? विशेषज्ञों के अनुसार, शेयर बाजार में जारी गिरावट के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
शेयर बाजार में इस गिरावट का सबसे ज्यादा असर उन मध्यम वर्गीय निवेशकों पर पड़ा है, जिन्होंने अपनी मेहनत की कमाई शेयर बाजार में निवेश कर रखी थी। हाल ही में सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे लाखों निवेशकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। शेयर बाजार से जुड़े एक विशेषज्ञ ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से भारतीय बाजार में विदेशी निवेशकों की निकासी बढ़ गई है। इससे बाजार में अस्थिरता बनी हुई है और छोटे निवेशक सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
शेयर बाजार में लगातार हो रही गिरावट से निवेशकों में नाराजगी बढ़ रही है। कई निवेशकों ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।
एक निवेशक ने लिखा, "हमने मेहनत की कमाई शेयर बाजार में लगाई थी, लेकिन भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण हमें भारी नुकसान हो रहा है। अब हमें भाजपा सरकार नहीं चाहिए!"
एक अन्य उपयोगकर्ता ने लिखा, "शेयर बाजार में लगातार गिरावट आ रही है और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। यह आर्थिक ठगी है!"
इस पूरे मामले पर भाजपा नेताओं की ओर से सफाई भी दी गई है। सरकार का कहना है कि वैश्विक आर्थिक स्थितियों के कारण भारतीय शेयर बाजार पर असर पड़ा है। सरकार ने दावा किया कि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम किया जा रहा है और जल्द ही बाजार में स्थिरता आ जाएगी।
शेयर बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में सुधार आने में समय लग सकता है। जब तक वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता नहीं आती और विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में वापसी नहीं करते, तब तक भारतीय शेयर बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की मूलभूत स्थिति अभी भी मजबूत है और लंबी अवधि में बाजार में तेजी लौट सकती है।
अखिलेश यादव द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा के बाद अब सवाल उठता है कि क्या सरकार को अपनी नीतियों में बदलाव करना चाहिए? कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि सरकार को घरेलू निवेशकों को सुरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए और बाजार में स्थिरता बनाए रखने के लिए नीतिगत सुधार करने चाहिए।
अखिलेश यादव के बयान ने भारतीय शेयर बाजार की मौजूदा स्थिति और सरकार की आर्थिक नीतियों पर नई बहस छेड़ दी है। एक तरफ जहां मध्यम वर्गीय निवेशकों को नुकसान हो रहा है, वहीं सरकार इस स्थिति के लिए वैश्विक आर्थिक मंदी को जिम्मेदार ठहरा रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस गिरावट को रोकने के लिए क्या कदम उठाती है और निवेशकों का भरोसा कैसे वापस लाती है।
Published on:
25 Feb 2025 01:34 pm
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