संत का ब्यूरोक्रेटिक सिस्टम में ढलना चुनौती कार्यक्रम में मौजूद प्रदेश के डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि किसी संत का ब्यूरोक्रेटिक सिस्टम में ढलना एक बड़ी चुनौती होती है लेकिन उन्होंने अपने संस्कारों में कोई परिवर्तन नहीं किया है। काम के प्रति उनका समर्पण उन्हें अन्य लोगों से अलग बनाता है। कार्यक्रम में मौजूद महामंडलेश्वर स्वामी मार्तण्डपुरी ने कहा कि हमारे चारों ओर मौजूद सभी माध्यम हमें रोबोट बनाने में जुटे हैं। इन सबके बीच हमारा प्रयास है कि मनुष्य कैसे बनें।
हुसैन ने बताया हार का कारण कार्यक्रम में मौजूद पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि पार्टी ने मुझे वक्ता से प्रवक्ता बना दिया है। उन्होंने कहा कि 13वीं, 14वीं और 15 वीं लोकसभा का मैं लगातार सदस्य रहा हूँ। जिस समाज से आता हूँ, उस समाज का भाजपा में अकेला सांसद रहा हूँ। हुसैन ने कहा कि 2014 के चुनाव में मैंने अपना लोकसभा क्षेत्र छोड़कर दूसरों के लिए खूब प्रचार किया। नतीजा यह हुआ कि मैं अपने क्षेत्र में चुनाव हार गया। उन्होंने अपनी हार को लेकर एक कहावत कही कि चौबे जी चले छब्बे बने और दूबे बनकर वापस लौटे।
योगी आदित्यनाथ की तारीफ़ हुसैन ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश को ऐसा मुख्यमंत्री मिला है जो 47 डिग्री की गर्मी में बिना एसी के सोते हैं और कुछ लोग एसी लेकर ही चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि जब ईश्वर सबको प्रसन्न नहीं कर सकता तो नेता और संत सबको कैसे प्रसन्न कैसे कर सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साफ़ नीयत के साथ कोशिश हो रही है। कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जुड़े कई संस्मरण सामने रखे। पुस्तक के लेखक रामेन्द्र सिन्हा ने पुस्तक की भूमिका के बारे में अपनी बात रखी।