सूत्रों ने बताया कि संत कबीर की स्मृतियों को देश-विदेश तक पहुंचाने के लिए सरकार की ओर से यह कवायद शुरू की गई है। प्रयास यही है कि कबीर की स्मृतियों को एक अकादमी में संरक्षित किया जाए, ताकि देश-विदेश से आने वाले पर्यटक उससे अवगत हो सकें। अकादमी की जमीन को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मंजूरी प्रदान कर दी है।
ये होगा खास इंतजाम राज्य पुरातत्व विभाग के निदेशक ए.के. सिंह के अनुसार, संत कबीर के स्मारक से उत्तर 8.118 एकड़ क्षेत्र पर पर्यटन मंत्रालय की ओर से एक स्पिरिचुअल सर्किट भी बनाया जाएगा। इस योजना के तहत देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए आमी नदी के घाट का विकास, पब्लिक कन्वेंशन सेंटर और पाथवे निर्माण के अलावा ‘साउंड एंड लाइट शो’ का भी इंतजाम किया जाएगा।
१७ एकड़ में करवाया जाएगा निर्माण जानकारी हो कि यह अकादमी संत कबीर के जीवन दर्शन पर केंद्रित होगी। इसका निर्माण १७ एकड़ में करवाया जाएगा। वहीं पर्यटन विभाग इसकी नोडल एजेंसी होगा। खबर है कि इस महीने के अंतिम सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शिलान्यास कर सकते हैं।
२४ करोड़ रुपये का खर्च इस अकादमी में लगभग 24 करोड़ रुपये की लागत का खर्च लगाने का अनुमान है। इसमें इंटरप्रिटेशन सेंटर, प्रदर्शनी गैलरी के अलावा 300 दर्शकों की क्षमता वाले एक सभागार का भी निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा इस अकादमी में पुस्तकालय, प्रशासनिक भवन, छात्रावास, कर्मचारी भवन का निर्माण भी कराया जाएगा।