
किताबें लिखना पढ़ना बढ़ाती हैं उम्र
उम्र शिक्षकों की ज्यादा होती है। साहित्यकारों और लेखकों की ज्यादा होती है। पुस्तक हमें एक सम्बल प्रदान करती है। पुस्तक अपनी अभिव्यक्ति को दर्शाने में एक सहायक की भूमिका निभाती है। किताबें मन और मस्तिष्क को स्वच्छ और स्वस्थ रखने का कारक बनती हैं।
पूर्व उपमुख्यमंत्री रखी अपनी बात
पूर्व उपमुख्यमंत्री डा.दिनेश शर्मा ने सन दो हजार में अमेरिका के एक विश्वविद्यालय में अपने सामने पढ़े गये शोध के हवाले से लखनऊ पुस्तक मेला समापन समारोह में व्यक्त किये। रवींद्रालय चारबाग में 17 मार्च से चल रहे 10 दिवसीय लखनऊ पुस्तक मेले आज अगले वर्ष के लिए विदा हो गया।
बच्चे ज्यादा किताबें पढ़े :पूर्व उपमुख्यमंत्री
समारोह में मेले का भ्रमण करने के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री डा.दिनेश शर्मा ने पुस्तक मेले से 20 वर्षों के अपने जुड़ाव और प्रदेश के विकास का उल्लेख करते हुए आगे कहा कि जो लोग किताबें पढ़ते हैं, लिखते हैं उनका मस्तिष्क क्रियाशील होता है और जिनका मस्तिष्क क्रियाशील होता है। उनकी आयु लम्बी होती है, शरीर स्वस्थ रहता है।
मेले में लाखों की किताबें बिकीं
आकर्ष चंदेल ने बताया कि मेले में लगभग 33 लाख रुपये की पुस्तकों की बिक्री हुई। मेला दो दिन वर्षा से बाधित न हुआ होता तो बिक्री के आंकड़े कुछ और ही होते। रविवार के अंतिम दिन आज मेले में पुस्तक प्रेमियों की संख्या खूब रही। स्टाल धारक राहुल ने मेले के अपने अनुभव और बिक्री को अच्छा बताया। अभिनव छाबड़ा ने बताया कि साहित्य के संग अध्यात्मिक पुस्तकें ज्यादा बिकीं।
Published on:
27 Mar 2023 08:31 am
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