उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और उसके आसपास के पांच अन्य जनपदों को मिलाकर 27 हजार वर्ग मील के क्षेत्र को SCR (राज्य राजधानी क्षेत्र) घोषित किया गया है। यह कदम NCR (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) की तर्ज पर उठाया गया है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना और समन्वित योजना तैयार करना है।
SCR के तहत आने वाले पांच जनपदों में लखनऊ के साथ-साथ बाराबंकी, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर और रायबरेली शामिल हैं। इस क्षेत्र का विस्तार 27 हजार वर्ग मील में होगा, जिसमें आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, बेहतर परिवहन सुविधाएं, और समग्र विकास को बढ़ावा देने की योजना है।
SCR की स्थापना का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय विकास को तेज गति से बढ़ावा देना है। इसके अंतर्गत निम्नलिखित लाभ प्राप्त होने की उम्मीद है:
आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास: SCR के तहत आने वाले जनपदों में आधुनिक सड़कों, पुलों, और सार्वजनिक परिवहन की सुविधाओं का विकास होगा।
बेहतर समन्वय: SCR की स्थापना से क्षेत्रीय योजनाओं और विकास कार्यों में बेहतर समन्वय स्थापित होगा।
निवेश को प्रोत्साहन: SCR के तहत आने वाले क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
वातावरणीय सुधार: SCR की योजना में पर्यावरणीय संरक्षण और हरित क्षेत्र के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
राज्य सरकार ने SCR के विकास के लिए एक विस्तृत योजना बनाई है। इसके अंतर्गत प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
स्मार्ट सिटी परियोजनाएं: SCR के तहत आने वाले जनपदों में स्मार्ट सिटी परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।
स्वच्छता और हरित क्षेत्र: स्वच्छता अभियानों और हरित क्षेत्र के विकास के लिए विशेष योजनाएं लागू की जाएंगी।
शिक्षा और स्वास्थ्य: शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार और उन्नयन किया जाएगा।
आवास और शहरी विकास: आवास योजनाओं और शहरी विकास की योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
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SCR की घोषणा से लखनऊ और उसके आसपास के जनपदों में विकास की नई राहें खुलेंगी और क्षेत्रीय समृद्धि में योगदान मिलेगा। राज्य सरकार की इस पहल से न केवल बुनियादी सुविधाओं में सुधार होगा बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी।
Published on:
19 Jul 2024 11:17 pm