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Mission power campaign: बेटियों के नाम से होगी घरों की पहचान

locationलखनऊPublished: Oct 23, 2020 05:17:46 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

खुशी है बिटिया के नाम की लगी नेमप्लेट

Mission power campaign: बेटियों के नाम से होगी घरों की पहचान

Mission power campaign: बेटियों के नाम से होगी घरों की पहचान

लखनऊ। बेटियों को लेकर सामाजिक बदलाव की शुरुआत गांवों से हो गई है। अब गांवों में घर की पहचान बिटिया के नाम से होने लगी है। नवरात्र के अवसर पर नारियों को सम्मान देने के लिए मुजफ्फरनगर में अनूठी पहल शुरू हुई। यहां मां-बेटी और बहन की गरिमा को बढ़ाने के लिए घरों की नेमप्लेट पर बहन-बेटियों या फिर मां का नाम अंकित किया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी महिलाओं को सम्मान देने के लिए नवरात्र से ‘मिशन शक्ति’ अभियान शुरू किया है। इसी से प्रेरित होकर यहां के गांवों और शहरों में यह प्रेरक रवायत चल पड़ी है। इससे मातृशक्ति को सही मायने में अब पहचान मिल रही है।
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लंबे समय से घरों के बाहर नेमप्लेट पर पुरुष सदस्यों के ही नाम लिखे जाने की परंपरा रही है। लेकिन, मुजफ्फरनगर में यह परंपरा अब बदल रही है। बालिकाओं के सम्मान में, यहां के 260 से अधिक घरों में अपनी बेटियों के नाम की नेम प्लेट लगाई है। जिला प्रोबेशन अधिकारी मोहम्मद मुस्तकीम ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में बेटियों के नाम पर विभिन्न गांवों में घरों के दरवाजों पर नेम प्लेट लगायी गई हैं। अभियान अब भी जारी है।
बाल विकास विभाग की पहल

नेम प्लेट की यह प्रेरक पहल महिला और बाल विकास विभाग द्वारा कुछ सप्ताह पहले शुरू की गयी थी। इस अभियान के तहत जिन परिवारों में बेटियां नहीं हैं, उन्हें घर की महिलाओं पत्नी या मां के नाम की नेमप्लेट लगवाने के लिए कहा गया। अधिकारियों ने गांव-गांव जाकर लोगों को इस चलन को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। अधिकांश लोगों ने खुशी-खुशी इसे स्वीकार कर लिया। मिशन शक्ति अभियान के तहत जिले में अब तक 260 मकानों पर बेटियों के नाम की नेम प्लेट लगाई जा चुकी है। इस अभियान में जिला प्रोबेशन अधिकारी 30 सितंबर से कार्य कर रहे हैं। जिले के दस गांवों को चिह्नित कर इनमें बेटियों की जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसके तहत घरों के बाहर बेटियों के नाम की नेम प्लेट लगाई जा रही है। एक गांव में पांच से दस घरों पर यह नेम प्लेट लगी है। विभाग ने अभी तक जिले के आदमपुर, दतियाना, सोंटा, अमीगढ़, तिगरी, रहकडा, छपार में अभियान पूरा कर लिया है।
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खुशी है बिटिया के नाम की लगी नेमप्लेट

बुढ़ाना कस्बे में ऋचा विश्वकर्मा की नेम प्लेट दरवाजे पर लगाई गई, तो पिता सुशील कुमार ने खुशी जताई। सुशील कुमार ने कहा कि अब बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं। हमें खुशी है कि बिटिया की नेम प्लेट गेट पर लगी है।
अलमासपुर गांव की गुलशाना कहती हैं कि उसकी बेटी शाहिस्ता के नाम की प्लेट गेट पर लगी है। हमारी बेटी इससे खुश है। हम अपनी बेटी की पढ़ाई पूरी कराएंगे और उसे काबिल बनाएंगे।
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