Monsoon 2025 Update: देश के अधिकांश हिस्सों में समय से पहले दस्तक देने के बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून अब उत्तर भारत की ओर तेजी से बढ़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर प्रदेश में मानसून की सक्रियता के स्पष्ट संकेत मिल चुके हैं और अगले 24 से 48 घंटों में यह राज्य के लगभग सभी हिस्सों को कवर कर लेगा। इससे पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में झमाझम बारिश होने की पूरी संभावना है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया है कि इस बार मानसून सामान्य तिथि से काफी पहले केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार में प्रवेश कर चुका है। यहां तक कि राजस्थान, झारखंड और मध्य प्रदेश के भी कई हिस्से मानसून की बारिश से सराबोर हो चुके हैं। यही कारण है कि अब उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली-एनसीआर में भी मानसूनी बादल तेजी से सक्रिय हो रहे हैं।
IMD लखनऊ केंद्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. एम.के. शर्मा ने बताया कि “इस वर्ष मानसून की प्रगति औसत से अधिक तेज़ है और इसके पीछे अरब सागर व बंगाल की खाड़ी दोनों में समानांतर मौसमी परिस्थितियों का बनना प्रमुख कारण है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि "आगामी तीन से चार दिनों के भीतर पूरे उत्तर प्रदेश में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो जाएगा।"
पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों – लखनऊ, गोरखपुर, बनारस, बलिया, आजमगढ़ और प्रयागराज में पहले से ही आसमान में बादल मंडराने लगे हैं। तापमान में मामूली गिरावट और उमस की स्थिति मानसून की दस्तक का संकेत दे रही है। मौसम विभाग के अनुसार इन इलाकों में अगले 24 से 48 घंटों के भीतर मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, बरेली, आगरा, सहारनपुर और नोएडा जैसे प्रमुख शहरों में भी मानसून की तेज रफ्तार से आमद की संभावना जताई गई है। विभाग ने कहा है कि पश्चिमी यूपी में मानसून सामान्य तिथि से लगभग 4 से 5 दिन पहले प्रवेश कर सकता है।
उत्तर भारत में मई और जून का महीना आमतौर पर लू (हीटवेव) के लिए कुख्यात होता है, लेकिन इस बार मानसून के तेज रुख के चलते लू की स्थिति अब लगभग समाप्त हो चुकी है। मौसम वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि आने वाले दिनों में देश के किसी भी हिस्से में हीटवेव की कोई स्थिति नहीं बनेगी। गौरतलब है कि अप्रैल और मई के शुरुआती हिस्से में उत्तर भारत के कई हिस्सों में तापमान 44 से 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। लेकिन मानसूनी बादलों की सक्रियता ने अब वातावरण को शीतल बना दिया है।
मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, उत्तरी छत्तीसगढ़ और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। इन क्षेत्रों में बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे सावधानी बरतें और मौसम विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करें। इसके अलावा केरल, तटीय कर्नाटक, कोंकण और गोवा, तथा महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में भी भारी वर्षा की संभावना है। इन इलाकों में मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है।
मानसून की तेज शुरुआत का सबसे सकारात्मक प्रभाव खेती-किसानी पर पड़ रहा है। इस बार मानसून के जल्दी पहुंचने से खरीफ की बुवाई समय से शुरू हो सकेगी, जिससे धान, मक्का, बाजरा, अरहर, मूंग जैसी फसलों की उपज अच्छी रहने की उम्मीद है। राज्य कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि आगामी दो हफ्तों में वर्षा की स्थिति अनुकूल रही, तो इस वर्ष प्रदेश में खरीफ उत्पादन का नया रिकॉर्ड बन सकता है। किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे मानसून की प्रगति के अनुसार बीजों की बुआई की योजना बनाएं।
बारिश की शुरुआत होते ही बिजली कटौती की समस्याएं बढ़ सकती हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में। पिछले वर्षों में यह देखा गया है कि मानसून के दौरान कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित होती है। बिजली विभाग ने दावा किया है कि इस बार व्यवस्था को पहले से बेहतर किया गया है, लेकिन नागरिकों को छोटे इन्वर्टर और बैकअप की तैयारी रखने की सलाह दी गई है।
बारिश शुरू होते ही लखनऊ, कानपुर, बनारस और अन्य बड़े शहरों में जलभराव की समस्या फिर से सिर उठा सकती है। नगर निगमों ने बारिश से पहले नालों की सफाई शुरू कर दी है, लेकिन हर साल की तरह इस बार भी पहली तेज बारिश में सड़कों पर पानी भरने की आशंका बनी हुई है। ट्रैफिक विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि भारी बारिश के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें और जलभराव वाले मार्गों से गुजरने में सतर्कता बरतें।
मानसून की अच्छी शुरुआत से न केवल कृषि और जल आपूर्ति को लाभ मिलेगा, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन भी बेहतर होगा। पिछले कुछ महीनों में बढ़ते प्रदूषण स्तर और जल संकट से जूझते शहरों के लिए यह वर्षा जीवनदायिनी साबित हो सकती है। वन विभाग और पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून के दौरान वृक्षारोपण अभियान को गति दी जानी चाहिए ताकि वर्षा का अधिकतम लाभ उठाया जा सके।
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Updated on:
19 Jun 2025 08:30 am
Published on:
19 Jun 2025 08:29 am