scriptयूपी में बंद हो गए 26 हजार स्कूल, महामारी के बाद अभिभावकों ने ही नहीं भेजा स्कूल | Uttar Pradesh 26,000 Primary School Closed in Covid Report of UDISE | Patrika News

यूपी में बंद हो गए 26 हजार स्कूल, महामारी के बाद अभिभावकों ने ही नहीं भेजा स्कूल

locationलखनऊPublished: May 11, 2022 12:35:25 pm

Submitted by:

Snigdha Singh

School Closed In Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में कोरोना काल में 26 हजार प्राइमरी स्कूल बंद हो गए। कोरोना महामारी के बाद तमाम अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजने में रुचि नहीं दिखायी।

Uttar Pradesh 26,000 Primary School Closed in Covid Report of UDISE

Uttar Pradesh 26,000 Primary School Closed in Covid Report of UDISE

उत्तर प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों की हालत सुधारने के लिए चलाये जा रहे आपरेशन कायाकल्प के बाद भी यूपी में सरकारी स्कूलों के प्रति अभिभावकों का मोहभंग हो रहा है। कोरोना महामारी के बाद पिछले दो सालों में 26,074 स्कूलों की गिरावट देखी गई। साल 2018 में सितंबर में यूपी में स्कूलों की संख्या 163,142 थी जो सितंबर 2020 में घटकर 137,068 हो गई। हालांकि सरकारी आंकड़ों में कुल 1.58 करोड़ बच्चे प्राइमरी स्कूलों में पंजीकृत हैं। यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजूकेशन 2018-19 प्लस डेटा के मुताबिक कोरोना महामारी के बाद तमाम अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजने में रुचि नहीं दिखायी इसकी वजह से स्कूलों में ताला लगाने की नौबत आ गयी।
यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजूकेशन की रिपोर्ट के अनुसार देश में सरकारी स्कूलों की संख्या में कमी आई है। जबकि प्राइवेट स्कूलों की संख्या बढ़ी है। कोरोना महामारी के दौरान सरकारी स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले अधिक एडमिशन हुआ है। यूडीआईएसई की साल 2018-19 की रिपोर्ट के मुताबिक देश में 50 हजार से अधिक सरकारी स्कूल बंद हो गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार सरकारी स्कूलों की संख्या 2018-19 में 1,083,678 से गिरकर 2019-20 में 1,032,570 हो गई। यानी कि देशभर में 51,108 सरकारी स्कूल कम हुए हैं। यूडीआईएसई स्कूल एजूकेशन डिपार्टमेंट की एक यूनिट है जो हर साल स्कूलों से संबंधित डेटा उपलब्ध कराती है।
यह भी पढ़े – मिलिट्री स्कूल में एडमिशन का मतलब बच्चे को नौकरी में आसानी, आप भी जानिए एडमिशन के नियम

यूपी के प्राइमरी स्कूलों में डेढ़ करोड़ बच्चे

योगी सरकार के पहले कार्यकाल में २०१७ में यूपी में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में एक करोड़ ३० लाख बच्चे पंजीकृत थे। इसके बाद लक्ष्य बनाकर ५० लाख बच्चों का और पंजीकरण कराया गया था। वर्तमान में यह संख्या डेढ़ करोड़ बतायी जा रही है।
सरकारी स्कूलों को लेकर यह है योजना

दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ की सरकार सरकारी स्कूलों की सेहत सुधारने की कवायद में जुटी है। ऑपरेशन कायाकल्प के तहत स्कूलों को स्मार्ट बनाया जा रहा है। यूपी के सभी प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के लिए अनुकूल फर्नीचर जैसे टेबल, बैंच आदि की व्यवस्था होगी।
यह भी पढ़े – सातवीं के छात्रों ने चिट्ठी में लिखा अपना दुःख, प्रिंसिपल से कहा लड़कियां class में करती हैं ऐसी हरकतें

30000 माध्यमिक विद्यालयों के बुनियादी ढांचे में बदलाव

यूपी के 30000 माध्यमिक वद्यिालयों के बुनियादी ढांचे का नवीनीकरण भी किया जा रहा है। निजी स्कूलों की तरह सरकारी विद्यालयों में ऑडियो-वीडियो प्रोजेक्ट के साथ स्मार्ट क्लास रूम बनाने की भी योजना है। स्कूलों में पुस्तकालय, कम्प्यूटर लैब, साइंस लैब, आर्ट रूम बनाने के साथ-साथ वाई-फाई की व्यवस्था होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2019 में ऑपरेशन कायाकल्प की शुरुआत की थी। इसके तहत 1.33 लाख परिषदीय विद्यालयों में पढऩे वाले 1.64 लाख बच्चों को आधुनिक परिवेश के साथ स्वच्छ और सुरक्षित माहौल देने का प्रयास किया जा रहा है।
यह भी पढ़े – UP Board Result Date: कॉपियों का पूरा हो चुका मूल्यांकन, इस तारीख तक परिणाम हो सकता है घोषित

घट रहे बच्चें

स्कूल चलो अभियान, मुफ्त किताब, यूनिफार्म, बैग, जूता, मोजा से लेकर मिड-डे-मील तक की योजनाएं परिषदीय स्कूलों में बच्चों को रोक नहीं पा रही हैं। आलम यह है कि बेसिक शिक्षा परिषद के डेढ़ लाख से अधिक प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में 2018 की तुलना में 2019-20 शैक्षिक सत्र में 48.5 लाख छात्र-छात्राओं की कमी दर्ज हुई।
आधार से हो रहा नामांकन

बेसिक शिक्षा परिषद के 1.58 लाख प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों का फर्जी नामांकन रोकने के लिए छात्रों का ब्योरा प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। साथ ही प्राइमरी स्कूलों में पढऩे वाले शत-प्रतिशत बच्चे आधार से जोड़े जा रहे हैं, जिनके पास आधार कार्ड नहीं है उनका कार्ड तत्काल बनाया जा रहा है और जो आधार से लैस हैं उनका सत्यापन भी हो रहा है। इस साल दो करोड़ बच्चों का नामांकन होना है।
1.58 करोड़ को ही भेजा जा सका धन

बेसिक शिक्षा विभाग ने पिछले शैक्षिक सत्र में 1.58 करोड़ बच्चों के अभिभावकों के खाते में यूनीफार्म, स्कूल बैग, जूता-मोजा व स्वेटर के लिए 1100-1100 रुपये भेजे थे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो