मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे को बिना कोर्ट में पेश किए ही यूपी एसटीएफ के हवाले कर दिया गया था, इसलिए उसकी गिरफ्तारी को लेकर एमपी पुलिस द्वारा की गई लिखापढ़ी को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार का कहना है कि अगर मध्य प्रदेश पुलिस लिखकर देगी कि उन्होंने विकास दुबे को गिरफ्तार किया है तो पांच लाख रुपये के ईनाम की राशि उन्हें दी जाएगी। अब यूपी पुलिस को मध्य प्रदेश पुलिस के पत्र का इंतजार है। एडीजी ने कहा कि अगर मध्य प्रदेश पुलिस कोई क्लेम नहीं करेगी, तो पांच लाख रुपए की ईनामी राशि यूपी एसटीएफ को दी जाएगी।
विकास दुबे को मध्य प्रदेश स्थित उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक, उत्तर प्रदेश लाते वक्त कानपुर के सचेंडी थाना क्षेत्र में सड़क पर घूम रहे आवारा जानवरों को बचाने के चक्कर में एसटीएफ की गाड़ी पलट गई। मौके का फायदा उठाकर विकास ने एक इंस्पेक्टर की पिस्टल छीन ली और भागने की कोशिश की। विकास के पुलिसकर्मियों पर गोली चलाने के जवाब में एसटीएफ और पुलिस टीम के सदस्यों ने उसे ढेर कर दिया। मुठभेड़ में एसटीएफ के दो जवान भी घायल हुए हैं।
50 हजार से 5 लाख हुई थी ईनामी राशि
कानपुर के विकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद विकास दुबे फरार हो गया था। शुरुआत में उस पर 50 हजार रुपए का ईनाम रखा गया था, जो बाद में एक लाख फिर ढाई लाख और अंत में पांच लाख रुपए कर दिया गया था। ईनामी राशि के आधार पर विकास दुबे यूपी का सबसे बड़ा अपराधी बन गया था। उससे पहले बीहड़ के डकैत बबुली कौल पर पांच लाख का ईनाम घोषित किया था, जिसे मुठभेड़ में मार गिराया गया था। फिलहाल प्रदेश में कोई 5 लाख का ईनामी बदमाश नहीं है।