
स्टार्टअप से सुधरेगी गांव की अर्थव्यवस्था, गाय उत्पाद को मिलेगा बढ़ावा, मैनुफैक्चरिंग से लेकर मार्केटिंग कराएगी सरकार
लखनऊ. राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (National Kamdhenu Commission) पूरे देश में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए गाय स्टार्टअप (Cow startup scheme) शुरू करने की योजना बना रहा है। इस नई योजना में उन तबेलों को स्टार्टअप सुविधा और बैंकों से ऋण देने की योजना बनाई गई है, जो गो पालन और उनके उत्पादों को नई तकनीक की सहायता से बाजार तक लाने का काम कर रहे हैं। दरअसल राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (National Kamdhenu Commission) का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी रोजगारों की सबसे बड़ी समस्या है। जिसके चलते रोजगार की तलाश में लोगों का अपने गांवों से पलायन करना पड़ रहा है। इसके अलावा प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) की भी मंथा है कि ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि के साथ गाय का बड़ा स्थान हो और ग्रामीणों की अर्थव्यवस्था में गायों के माध्यम से सुधार लाया जा सके। इसके लिए सरकार आयोग के माध्यम से उन उद्यमियों को प्रोत्साहित कर रही है, जो नई तकनीक और विशेषज्ञता से गाय उत्पाद को बाजार तक पहुंचा रहे हैं। सरकार इसके लिए उन्हें आर्थिक सहायता सब्सिडी के रूप में उपलब्ध करायेगी। साथ ही उनके प्रोडक्ट की मार्केंटिंग करने और उन्हें बाजार तक पहुंचाने में भी सहायता करेगी।
एक गाय की योजना को बढ़ावा
केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) की महत्वाकांक्षी परियोजना हर घर नल से जल की तर्ज पर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) आयोग की मदद से हर ग्रामीण घर में एक गाय की योजना को बढ़ावा देना चाहती है। सरकार ने इसके लिए विशेषज्ञों से विचार कर रही है कि गाय खरीदने के लिए सरकार कितनी सब्सिडी दे सकती है। इसके अलावा गोशालाओं के बेहतर प्रबंधन के लिए भी योगी सरकार बेहतर पॉलिसी फ़्रेमवर्क बनाने की दिशा में काम कर रही है। गौशालाओं का बेहतर प्रबंधन और रख-रखाव को कंपनियों के कॉपरेट सोशल दायित्व (सीएसआईआर) में डाला जा रहा है। जिससे कॉर्पोरेट अपने सीएसआर फंड का इस्तेमाल गौशाला निर्माण और रख-रखाव में कर सकते हैं।
सीएम योगी ने जिलाधिकारियों को लिखी चिट्ठी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM YOgi Adityanath) ने पहले ही सभी जिलाधिकारियों को चिट्ठी लिखकर गौशाला के रखरखाब के लिए सीएसआर फंड (CSR Fund) के इस्तेमाल के निर्देश दिये हैं। योगी सरकार गौशालाओं की देखभाल और उसको बढ़ावा देने के लिए 2 प्रतिशत का गौ टैक्स लगा चुकी है। इसके अलावा देसी गायों के संवर्धन को कैसे आम जनता तक पहुंचाया जाये, इसके लिए कामधेनु आयोग जल्दी ही मीडिया कैंपैंन शुरू करने पर विचार कर रहा है।
मंदिरों में मिलेंगे गाय उत्पाद
सरकार अब गाय उत्पादों को हर शहर के बड़े मंदिर, राज्यों के भवन, सरकारी आयुर्वेद केन्द्र, खादी काउंटर पर गाय उत्पाद को बेचने की योजना बना रही है। मांग बढ़ने पर इन्हें अतिरिक्त काउंटर लगाकर बेचा जाएगा।
इन उत्पादों को भी बढ़ावा
गौ मूत्र से साबुन और मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती के अलावा गोबर से आर्गेनिक खाद, आर्गेनिक हैंडमेड कागज बनाने की तकनीक का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर करने की दिशा में भी कदम बढ़ा रही है। अभी तक छोटे पैमाने पर ही कुछ एनजीओ गाय उत्पाद को मार्केट में पहुंचाने का काम कर रहे थे। गाै मूत्र पर बड़े उद्योगपति बायोगैस प्लांट लगा सकते हैं इसके लिए सरकार कॉपरेटिव और स्वयं सहायता समूह की मदद से लोन दिलाने में मदद करेगी।
चारे के लिए भी पैसा
योगी सरकार किसानों को गोवंश के चारे के लिए भी पैसा देगी। इस तरह के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत आवारा गोवंश से सबसे ज़्यादा पीड़ित बुंदेलखंड से होगी। इस योजना के मुताबिक़, अगर कोई किसान दो गायें रखता है और उनका व्यापारिक इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है यानी वे गायें दूध नहीं दे रही हैं तो सरकार किसान को हर गाय के चारे के लिए 30 रुपये रोज उपलब्ध कराएगी। यह पैसा किसान के खाते में हर महीने डीबीटी के जरिए भेजा जाएगा।
Updated on:
13 Jul 2019 09:49 am
Published on:
13 Jul 2019 08:50 am
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