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चार दिन से 48 गांवों में छाया अंधेरा, बिजली आपूर्ति में अधिकारी बरत रहे लापरवाही

नक्सल प्रभावित इलाके में भय के साये में जी रहे ग्रामीण

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Four days to 48 villages in darkness officer in power supply negligenc

चार दिन से 48 गांवों में छाया अंधेरा, बिजली आपूर्ति में अधिकारी बरत रहे लापरवाही

मंडला। जिले के अंतिम छोर में बसे मवई विकास खँड के (मोतीनाला सेक्टर) के 48 गांव पिछले चार दिन से अंधेरे में है क्योंकि इन क्षेत्रों में विद्युत विभाग ने बिजली सप्लाई बंद कर दी है। बताया जा रहा है कि चार दिन पहले तक गांवों में बिजली पहुंचाई जा रही थी हालाििंक इस दौरान भी ग्रामीणों को 24 घंटे में से मात्र 5 घंटे तक ही बिजली दी जा रही थी लेकिन पिछले चार दिनों से यह आपूर्ति भी बन्द कर दी गई है जिसके चलते शाम होते ही उक्त 48 गाँवो में अंधकार छा जाता है। गौरतलब है कि उक्त पूरा क्षेत्र नक्सल प्रभावित है। क्षेत्र में हमेशा एक अंजाना सा भय बना रहता है। हाल ही में क्षेत्र में माओवादी मूवमेंट के बाद से ग्रामीणों की आंखों से नींद गायब है। इन सबके बावजूद विद्युत विभाग के अधिकारी इस क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति में लापरवाही बरत रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि विद्युत विभाग के कर्मचारियों से जब भी लाइट बंद के संबंध में जानकारी ली जाती है तो फॉल्ट का बहाना बताया जाता है।

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अधिकारी व्यस्त हैं
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बिजली आपूर्ति नहीं किए जाने के संबंध में जब विद्युत विभाग के कार्यपालन यंत्री एलके नामदेव से संपर्क किया गया तो संपर्क नहीं हो सका। इस बारे में उनके कार्यालय के अधीनस्थों का कहना है कि साहब हमेशा या तो दौरे पर होते हैं या बैठकों में व्यस्त होते हैं, इसलिए फोन नहीं उठाते। ये बात और है कि मवई क्षेत्रवासियों और कुछ विभागीय सूत्रों ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में कार्यपालन यंत्री नामदेव ने आज तक कोई दौरा ही नहीं किया है और न ही इस संवेदनशील क्षेत्र की समस्याओं के समाधान में उन्हें कोई रुचि है।

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12 पंचायत, 48 गांव
ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र में 12 पंचायत के 48 गांव लगभग 90 घंटों से अंधेरे में है। ग्रामीण एक तरफ पानी की समस्या दूसरी तरफ लाइट की समस्या से जूझ रहे है। 12 ग्राम पंचायतों में खलोड़ी, चन्दगाव, बांदर बाड़ी, इंद्री, नरहरगंज हराटोला, भिमोरी, मनोरी, इंद्री, नेवसा, लालपुर, मोतीनाला, शामिल हैं और 12 पंचायतों के पोषक ग्रामों की संख्या 48 है। जहां पर आए दिन बिजली कटौती की जा रही है। विभागीय के अनुसार, दो लाइनमैन के भरोसे पूरे 48 गांव है। मवई ब्लॉक के अन्तिम छोर में बसा गाँव नेशनल हाइवे-30 रायपुर से जबलपुर मार्ग भी लगा हुआ है फिर भी विकास से कोसों दूर है। ग्रामीणों का कहना है कि वे आज भी सड़क, बिजली एवं पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा भी सिर्फ आश्वासन दिया जाता है। काम कुछ भी नहीं किया जाता। जनसुनवाई में बिजली आपूर्ति न होने के संबंध में आवेदन किया लेकिन कार्रवाई नहीं होने से आज भी हालात जस के तस बने हुए हैं। यह भी पढ़ें-बारिश के नजदीक आते ही जमकर हो रही रेत चोरी, माइनिंग टीम आने के पहले मिल जाती है सूचना