
भगवान के उत्सवों में जाना सौभाग्य की बात, ब्रज भगवान का घर है और होली महोत्सवः देवकीनंदन महाराज
मथुरा। जो तन को खुष करें ऐसे कार्य नहीं बल्कि जो आत्मा को प्रसन्न करे व्यक्ति को ऐसे कार्य करने चाहिए। मानव अपनी इन्द्रियों का उपयोग अपने मन के आनन्द के लिए करता है। लेकिन, वह अपनी आत्मा के आनन्द को भूल जाता है। आत्मा का परमात्मा का सानिध्य और चिंतन को पाकर प्रसन्न होती है। लेकिन, व्यक्ति भौतिक स्वादों के लिये आत्मा के स्वाद को पूरा नहीं होने देता है। उक्त विचार ठा. प्रियाकान्तजू मंदिर पर आयोजित 108 श्रीमद्भागवत एवं होली महोत्सव में कथा प्रवक्ता देवकीनंदन महाराज ने व्यक्त किए।
संपूर्ण विश्व को दिया न्योता
सम्पूण विश्व के भक्तों को ब्रज की भक्ति का न्योता देते हुए उन्होंने कहा कि ब्रज भगवान का घर है। उसके घर में वैसे तो प्रतिदिन आनन्द बरसता है लेकिन, ब्रज के दो प्रमुख उत्सव हैं। पहला जन्माष्टमी और दूसरा होरी। हम अपने उत्सवों में आए हुए अपनों को स्मरण रखते हैं। ऐसे ही भगवान भी अपने उत्सव में आए हुए भक्तों को अपनी नजरों में रखते हैं। आज वृन्दावन, बरसाना, नंदगांव सहित सम्पूर्ण ब्रज में श्रीराधा-कृष्ण की प्रेमपगी होरी का रस-रंग बरस रहा है । उस रस-रंग में जो भीग रहा है वह अपने जीवन को धन्य कर रहा है। दूर प्रदेशों से कथा श्रवण को आने वाले भक्तों को सम्बोधित करते हुए देवकीनंदन महाराज ने कहा कि भगवान के धाम में प्रतिदिन उत्सव है। लेकिन, होरी भक्ति का महोत्सव है।
वृंदावन में अकेले तो गोविंद से करें बात
भागवत श्रवण कराते हुये देवकीनंदन महाराज ने कहा कि वृन्दावन में अकेले हैं तो गोविन्द से बात करें, परिवार के संग आए हैं तो गोविन्द की बात करें। कथा के बीच ‘मेरा मन पंक्षी ये बोले, मैं उड़ वृन्दावन जाऊँ....’’ जैसे भजनों पर श्रद्धालुओं ने भावमयी नृत्य किया। इस अवसर पर विश्व शांति सेवा चैरीटेबल ट्रस्ट के सचिव विजय शर्मा, रवि रावत, एचपी अग्रवाल, जगदीश वर्मा, धमेन्द्र शर्मा धन्नू भईया, विश्वनाथ केड़िया, जे.पी. सिंघल, सुरेश गोयल, मधु कपूर आदि मौजूद थे।
Published on:
18 Mar 2019 06:02 am
बड़ी खबरें
View Allमथुरा
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
