
मुन्ना बजरंगी हत्याकांड की जांच कर रहे अधिकारी केस से हटे, चौंकाने वाली है वजह
बागपत। जिला जेल में 9 जुलाई को मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के पीछे किसका हाथ रहा और हत्या के लिए हथियार उपलब्ध कराने में किसका सहयोग रहा, यह आज भी जांच के दायरे में है। घटना के 22 दिन बीत जाने के बाद भी जांच टीम किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। अब बागपत में हत्या की तहकीकात कर रही टीमों पर नियुक्त किए गए जांच अधिकारी के रिटायर होने से फिलहाल जांच प्रभावित होती दिख रही है।
खेकड़ा थाने में दर्ज कराया गया था मुकदमा
गौरतलब है कि मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद खेकड़ा थाने की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसमें पुलिस अधिकारी जांच कर रहे थे। इसके साथ ही मुन्ना बजरंगी की पत्नी ने भी अपनी ओर से भी मुकदमा कायम कराया था। इसमें भी पुलिस जांच चल रही है। कई बार खेकड़ा पुलिस जेल जाकर कैदियों और जेलर से भी पूछताछ कर चुकी है। जांच में क्या चल रहा है और अब तक क्या सामने आया है, इसकी जानकारी गोपनीय रखी गई है।
एडीएम को बनाया गया जांच अधिकारी
जिलाधिकारी से जांच के बारे में बार-बार पूछे जाने के बाद डीएम द्वारा एडीएम को जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया गया। साथ ही में आदेश दिए गए कि पुलिस व अन्य टीमों द्वारा जो भी जांच की जा रही है, उसकी जानकारी एडीएम लोकपाल सिंह को दी जाए ताकि यह तय किया जा सके कि हत्या के पीछे क्या कारण रहा और जेल में हथियार कैसे पहुंचा। कई दिन तक एडीएम लोकपाल सिंह को कोई रिपोर्ट नहीं दी गई।
चल रही है जांच
जांच के बारे में पूछे जाने पर एडीएम लोकपाल सिंह जांच आने के बाद ही कुछ कहने की बता करते रहे। 31 जुलाई को उनको रिटायर हो जाने के बाद जांच पर सवाल खडे हो गए हैं, क्योंकि 22 दिन बाद भी जांच टीमें अपना जवाब नहीं दे पाई हैं। जांच अधिकारी के रिटायर हो जाने के बाद हत्या के राज से पर्दा उठाना बीरबल की खिचड़ी साबित हो रहा है। वहीं जिलाधिकारी ऋषिरेंद्र का कहना है कि जांच अधिकारी तोे एडीएम ही रहेंगे, जो भी नए एडीएम आएंगे, वो ही इसकी जांच करेंगे। उनका यह भी कहना है कि अभी तक जांच में कुछ साबित नहीं हो पाया है। जांच चल रही है।
Published on:
01 Aug 2018 11:51 am
बड़ी खबरें
View Allमेरठ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
