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कार्तिक पूर्णिमा पर 126 साल बाद बन रहा विशेष संयोग, स्नान-दान से प्राप्त होंगे अनंत गुना फल

Highlights - सर्वार्थ सिद्धि योग में कार्तिक मास की पूर्णिमा- भगवान विष्णु की पूजा और दीपदान का है महत्व- दिन में 2:26 बजे तक पूर्णिमा तिथि का संयोग

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मेरठ

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lokesh verma

Nov 29, 2020

मेरठ. कार्तिक मास की पूर्णिमा (Karthik Purnima) पर इस बार भरणी और रोहणी नक्षत्र का विशेष संयोग 126 वर्ष बाद बन रहा है। पंडित भारत भूषण के अनुसार इस बार कार्तिक पूर्णिमा सर्वार्थ सिद्ध योग (Sarwarth Siddhi Yog) में पड़ रही है। 30 नवंबर को दिन में 2:26 बजे तक कार्तिक पूर्णिमा रहेगी। उन्होंने बताया कि कार्तिक मास के देवता भगवान विष्णु हैं। इस मास भर श्रद्धावान लोग सुबह गंगा स्नान (Ganga Sanan) कर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान, तुलसी और विष्णु की पूजा व दीपदान का महत्व है।

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भारत ज्ञान भूषण ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र एवं सर्वार्थ सिद्धि योग दिन में 2.26 बजे तक पूर्णिमा तिथि तक प्राप्त होगा। शास्त्रों के अंतर्गत भरणी अथवा रोहिणी नक्षत्र का संयोग यदि कार्तिक पूर्णिमा के दिन प्राप्त हो जाए तो वह विशेष फलदायी कहा गया है। इसलिए यह पूर्णिमा विशेष फलदायी होगी। इस दिन किए जाने वाले स्नान, ध्यान, पूजा तथा यज्ञ अनुष्ठान के अनंत गुना फल प्राप्त होंगे। इसी दिन शाम को भगवान श्री हरि विष्णु मत्स्य रूप में अवतरित होकर सृष्टि की रचना की थी। इसदिन किए गए समस्त धार्मिक कार्य के अच्छे फल प्राप्त होते हैं। कलयुग में भगवान सत्य नारायण प्रत्यक्ष फल देते हैं, क्योंकि सत्य में ही ब्रह्म प्रतिष्ठित हैं।

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